मिसाल न्यूज़
रायपुर। कांग्रेस विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने आज विधानसभा में आरोप लगाया कि बालोद जिले के एक अधिकारी अपनी पत्नी के नाम पर केज कल्चर की राशि उठा लिए। यह चार करोड़ के गबन का मामला है।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा का सवाल था कि बालोद जिला अंतर्गत वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 में 31 जनवरी 2025 तक की स्थिति में मत्स्य पालन विभाग व्दारा किन-किन जलाशयों में, कितने-कितने यूनिट केज कल्चर की किन-किन मछुआ समितियों के नाम से स्वीकृति प्रदान कर, कितनी-कितनी अनुदान राशि जारी की गई? स्वीकृत अनुदान राशि में अनियमितता के संबंध में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई? किन्हें दोषी पाया गया और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अनुपस्थिति में उनकी जगह स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि बालोद जिला अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि तक मछली पालन विभाग द्वारा किसी भी मछुआ समिति को केज कल्चर इकाई में मछली पालन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।
श्रीमती संगीता सिन्हा ने कहा कि सच्चाई यह है कि बालोद जिले के एक अधिकारी अपनी पत्नी के नाम पर केज कल्चर की राशि उठा लिए। यह चार करोड़ के गबन का मामला है। क्या इस पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी? श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सहायक संचालक व्दारा पत्नी के नाम पर 19 लाख 20 हजार रुपये सब्सिडी के नाम पर उठा लेने का मामला सामने आया था। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि 19 लाख रुपये निकाल लेने का मामला कोई छोटा-मोटा नहीं है, इसकी जांच क्यों नहीं कराई जाती? जायसवाल ने कहा कि 1 जून 2024 को शिकायत मिली थी। इसके ठीक 3 दिन बाद 4 जून 2024 को ही जांच के आदेश दे दिए गए थे। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि उस अधिकारी को रिटायर होने का समय दे दिया गया होगा। कई बार जवाब आता है कि दोषी अधिकारी रिटायर हो गया। मंत्री जायसवाल व्दारा यह कहे जाने पर कि यह मामला पिछली सरकार के समय का है कांग्रेस विधायकगण विरोध दर्ज कराते हुए शोर मचाने लगे। कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि बालोद के इस प्रकरण में मेरे व्दारा मुख्यमंत्री तक से शिकायत की जा चुकी है। ऐसे ही किसी मामले में राजनांदगांव में दोषी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर हो जाती है तो बालोद जिले में क्यों नहीं हो सकती? ये 3 करोड़ 45 लाख 60 हजार के गबन का मामला है, जिसमें आर.के बंजारे की संलग्नता है। हमारे जैसे मछुआरा समाज के लोगों के हितों को मारकर लोग अपने परिवार के नाम पर संचालन कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि हां यह सही है कि जांच में विद्या बंजारे का नाम सामने आया है। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि मंत्री जांच होने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन जांच में क्या मिला, उसे छुपाने का काम कर रहे हैं।