भूपेश बघेल ने कहा- गिरफ्तारी का डर नहीं, मोगैंबो खुश हुआ स्टाइल में हो रहा काम

मिसाल न्यूज़

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि महादेव एप मामले में मुझे आरोपी बनाकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने की कोशिश हो रही है। ऐसा करने के पीछे मुझे गिरफ्तार करने की मंशा है। मुझे इसका कोई डर नहीं है। दिल्ली जा रहा हूं, अपने नेताओं को इससे अवगत कराऊंगा, वकीलों से बात करूंगा। बघेल ने कहा कि जब-जब मोदी और शाह का छत्तीसगढ़ दौरा होता है, उसके पहले सीबीआई और ईडी का दौरा हो जाता है। अभी प्रधानमंत्री आए, उसके पहले सीबीआई की रेड पड़ी। 40-50 जगह पर सीबीआई की रेड पड़ी। अब अमित शाह आ रहे हैं। 18 दिसंबर साल 2024 की एफआईआर को पब्लिक डोमेन में कल भेजा गया। मोगैंबो को खुश हुआ तर्ज पर यह काम किया जा रहा है।

भूपेश बघेल ने आज अपने सरकारी बंगले में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सात साल पुराने केस में, जिसमें मैंने गिरफ्तारी तक दी थी, उस केस में कोर्ट ने मुझे सीबीआई के आरोपों से डिस्चार्ज कर दिया तो अब नया खेल शुरू किया गया है। पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनना और पंजाब का प्रभारी बनना, इन लोगों को खटक रहा है। इसलिए बदले की भावना से कार्यवाही कर रहे हैं, लेकिन हम डरने और झुकने वालों में से नहीं हैं। महादेव सट्टा एप के मामले में ईडी ने केस ईओडब्ल्यू को सौंपा, ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सौंपा। 18 दिसंबर 2024 की एफआईआर को हुई थी, इसे अब पब्लिक में लाया गया है। भारत सरकार के पास इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। 1867 गेमिंग एक्ट अंग्रेजों के समय का है। हमारी सरकार ने इस मामले में कानून बनाया, हमारे खिलाफ ही बदले की भावना से कार्यवाही कर दी गई। बघेल ने कहा कि सवाल यह है कि ऑन लाइन गेमिंग को सरकार लीगल मानती है या इनलीगल? लीगल है तो प्रोटेक्शन मनी का कोई सवाल नहीं और इनलीगल है तो अभी तक कैसे चल रहा है? ठीक चुनाव के पहले नवंबर में शुभम सोनी का वीडियो भाजपा कार्यालय से जारी किया गया था। अगर शुभम सोनी के द्वारा यह वीडियो बनाया गया है तो भाजपा ने इसे सार्वजनिक कैसे किया? शुभम सोनी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? हमने कानून बनाया, हमने एफआईआर किया तो फिर प्रोटेक्शन मनी की बात क्यों? सीबीआई की एफआईआर में मेरा नाम छठवें नंबर पर है। मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर का नाम मेरे बाद।

बघेल ने कहा कि सीबीआई ने अपने एफआईआर में जिन 21 बेटिंग एप का उल्लेख किया है तथा उनके मालिक और पार्टनर का नाम बताया है उनमें से किसी में भी शुभम सोनी को मालिक या पार्टनर नहीं बताया है। उसी शुभम सोनी के कथित बयान के आधार पर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। यह भाजपा और केंद्र सरकार के द्वारा सुनियोजित षड़यंत्र के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।

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