मिसाल न्यूज़
रायपुर। आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा के बुलाए गए दो दिवसीय सत्र के आज पहले दिन दिवंगत विधायक मनोज मंडावी (कांग्रेस) एवं पूर्व विधायक दीपक पटेल (भाजपा) को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। कल दूसरे दिन आरक्षण संशोधन विधेयक एवं अनुपूरक बजट पेश किये जाएंगे।
सत्र के आज पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने मनोज मंडावी एवं दीपक पटेल के राजनीतिक व समाजिक क्षेत्र में योगदान को याद किया। दिवंगत नेताओं के सम्मान में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। 2 दिसंबर को दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। इसके अलावा आरक्षण संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट की बैठक में अनुपूरक बजट एवं आरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी दी जा चुकी है।
आरक्षण मुद्दे पर विपक्ष
देगा संशोधन प्रस्ताव
आरक्षण को लेकर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायक दल आरक्षण विधेयक पर संशोधन प्रस्ताव दे सकता है। माना जा रहा है कि संशोधन प्रस्ताव को बसपा व जनता कांग्रेस का भी समर्थन मिल सकता है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा विधायक दल की ओर से अनुसूचित जाति का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने एवं ईडब्लूएस का आरक्षण 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखने की तैयारी है। नारायण चंदेल ने कहा कि संशोधन के साथ ही आरक्षण विधेयक को समर्थन दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुसूचित जनजाति को 32, अनुसूचित जाति को 13, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 एवं ईडब्लूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा है।
जनवरी को दूसरे सप्ताह में हो
सकता है शीतकालीन सत्र
विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि 1 व 2 दिसंबर के आरक्षण के मुद्दे पर बुलाए गए सत्र में सरकार की ओर से न सिर्फ अनुपूरक बजट लाया जा रहा है बल्कि अन्य शासकीय कार्य भी किए जा रहे हैं। पूर्व में ऐसी भी संभावना जताई जा रही थी कि इस दो दिवसीय सत्र के बाद अलग से शीतकालीन सत्र नहीं होगा। आज विशेष सत्र शुरु होने से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शीतकालीन सत्र को लेकर बात उठी। सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की ओर से अलग से शीतकालीन सत्र की मांग उठने के बाद यह तय हुआ कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में शीतकालीन सत्र बुलाया जाए। शीत सत्र 3 या 4 दिनों का हो सकता है।