पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिला- आबादी के आधार पर ओबीसी को आरक्षण देने की मांग

मिसाल न्यूज़

रायपुर। अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि मंडल ने आज राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने सेवा एवं शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर उसे समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) देने का अनुरोध किया।

राज्यपाल से मुलाक़ात करने वालों में प्रमुख रूप से अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंगरौल, पोषण चंद्राकर, रघुनंदन साहू एवं आलोक कुमार चंद्रवंशी शामिल थे। प्रतिनधि मंडल ने राज्य सरकार द्वारा विगत 2 दिसम्बर को विधानसभा में अनुसुचित जाति, जनजाति एवं ईडब्लूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) देने संबंधी पारित विधेयक का स्वागत एवं समर्थन करते हुए राज्यपाल से शीघ्र विधेयक पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) देने की मांग रखी। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि क्वांटिफायबल डाटा कमीशन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी लगभग 42.43 प्रतिशत होने के बावजूद केवल 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा संभागीय नियुक्ति में भी ओबीसी समुदाय के लिए अधिकतम 27 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जबकि अनुसुचित जाति, जनजाति एवं ईडब्लूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को अवगत कराया कि कई संभाग/जिला में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 72 प्रतिशत तक भी है, किन्तु उन्हें जनसंख्या के अनुपात में नहीं बल्कि अधिकतम 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है, जो कि ओबीसी समुदाय के साथ न्याय संगत एवं संवैधानिक नहीं होने के कारण चिंताजनक है। प्रतिनिधि मंडल ने नौकरी में ओबीसी के प्रतिनिधित्व कम होने पर भी बैकलॉग भर्ती के माध्यम से शीघ्र नियुक्ति हेतु कार्यवाही कराने का अनुरोध किया। साथ ही आरक्षण रोस्टर पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए तमाम कानूनी पहुलूओं पर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट किया।

इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल ने तमिलनाडू, कर्नाटक व केरल जैसे राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 50, 49 व 40 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू होने का उल्लेख किया। उन राज्यों की भाांति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संभाग/जिला में जनसंख्या के अनुरूप प्राप्त आंकड़ों के अनुक्रम में 42 प्रतिशत आरक्षण लागू कराए जाने का आग्रह किया।

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