भाजपा विधायकों का आरोप- प्रशिक्षण एवं कौशल विकास उन्नयन के पीछे पैसा खाने का खेल…… विपक्ष के सवालों से घिरे मंत्री उमेश पटेल

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज लाइवलीहुड कॉलेज के माध्यम से होने वाले प्रशिक्षण एवं कौशल विकास उन्नयन तथा उस पर खर्च होने वाली राशि को लेकर विपक्ष की ओर से हुए सवालों से उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल बुरी तरह घिरे नज़र आए। विपक्ष का आरोप रहा कि प्रशिक्षण की आड़ में हर जिले में डीएमएफ राशि का भारी दुरुपयोग हो रहा है। विपक्षी सदस्य अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि इस सब के पीछे केवल पैसा खाने का प्रावधान है नियोजन का नहीं।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक सौरभ सिंह का सवाल था कि जांजगीर चाम्पा जिले के लाइवलीहुड कॉलेज और जिला रोजगार कार्यालय को पिछले 3 वित्तीय वर्ष एवं सामान्य वित्तीय वर्ष के 5 दिसंबर 2022 तक किस-किस मद से कितनी राशि किस प्रकार के प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के लिए प्राप्त हुई? उपरोक्त राशि से कितने लोगों को किस किस कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षण देने वाले व्यक्ति या एजेन्सी को कितनी राशि का भुगतान हुआ? उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल की ओर से जवाब आया कि 18 करोड़ 36 लाख 63 हजार की लागत से 17 हजार 874 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देने वाली एजेन्सी को 18 करोड़ 23 लाख 23 हजार भुगतान हुआ। सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि इस काम में सीधे-सीधे डीएमएफ राशि का दुरुपयोग हुआ है, जिसके लिए कलेक्टर जिम्मेदार है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि जब 17 हजार लोगों का प्रशिक्षण हो चुका है तो उनमें से कितनों को रोजगार दिलवाया गया? मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण प्राप्त किए लोगों को काम देने का प्रावधान है। अजय चंद्राकर ने कहा कि केवल खाने का प्रावधान है, नियोजन का कोई प्रावधान नहीं है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में डीएमएफ राशि का दुरुपयोग हो रहा है। पूर्व में इसी चक्कर में जांजगीर कलेक्टर का स्थानांतरण हो चुका है। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 30 जिलों को देख लें 1 हजार करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार निकलेगा। कलेक्टर कहते हैं डीएमएफ राशि पर हमारा नियंत्रण नहीं है।  50 प्रतिशत कमीशन जाता है। बृजमोहन अग्रवाल की इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के विधायक खड़े हो गए और शोर मचाने लगे। उमेश पटेल ने कहा कि मैंने जब इस विभाग को टेक ओवर किया 5 स्थानों पर जाकर देखा। वहां प्रशिक्षण की बात तो छोड़िये कमरा भी नहीं था। यह सब पिछली सरकार की देन है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री उमेश पटेल को निर्देशित किया कि पूर्व के 5 साल और अभी के 4 साल की जांच कराएं।

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