“केन्द्र से मिले चावल में 5 हजार करोड़ का घोटाला”- नारेबाजी करते गर्भ गृह तक पहुंचे विपक्षी विधायक निलंबित……स्थगित करनी पड़ी सदन की कार्यवाही

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत केन्द्र से मिले चावल का सही तरीके से वितरण नहीं होने और इसमें 5 हजार करोड़ का घोटाला होने का आरोप लगाया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की ओर से जो भी जवाब आए उस पर विपक्षी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह तक आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों के स्वमेव निलंबन की घोषणा करते हुए सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक का सवाल था कि मार्च 2022 से नवम्बर 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत केन्द्र सरकार व्दारा कितने निशुल्क चावल वितरण की अनुमति प्राप्त हुई? उसमें कितनी मात्रा का वितरण किया गया है व कितनी मात्रा शेष है? प्राथमिकता राशन कार्ड में 1,2,3,4 एवं 5 यूनिट वाले कार्डधारियों को क्रमशः केन्द्रीय व राज्य पुल से कितना-कितना चावल दिए जाने की मासिक पात्रता थी व पात्रता अनुसार चावल लिए जाने पर कितनी राशि हितग्राहियों से ली जाती थी? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की तरफ से जवाब आया कि प्रश्नांकित अवधि के दौरान केन्द्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 27 लाख 10 हजार टन चावल का आबंटन प्राप्त हुआ तथा हितग्राहियों व्दारा 26 लाख 40 हजार लाख टन चावल के उठाव के बाद 70 हजार टन बचत चावल की मात्रा है। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के अंतर्गत प्रदेश में प्राथमिकता राशन कार्डधारियों को वितरण के लिए केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल हेतु चावल की पृथक पृथक पात्रता का निर्धारण नहीं किया है। प्राथमिकता राशन कार्ड में एक सदस्य वाले कार्ड पर 10 किलो, दो सदस्य वाले कार्ड पर 20 किलो, तीन से पांच सदस्य वाले कार्ड पर 35 किलो चावल की सामान्य मासिक पात्रता तथा उपभोक्ता दर 1 रुपये प्रति किलो निर्धारित है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत अप्रैल 2022 में आबंटन प्राप्त होने के पश्चात् नवम्बर 2022 तक प्राथमिकता राशन कार्ड में एक सदस्य वाले कार्ड पर 10 किलो, दो सदस्य वाले कार्ड पर 20 किलो, तीन से पांच सदस्य वाले कार्ड पर 35 किलो चावल की मासिक पात्रता सामान्यतः निर्धारित है। प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत चावल निशुल्क प्रदाय किया गया है। माह जुलाई 2020 से अप्रैल 2021 तक एवं माह अप्रैल 2022 तथा अक्टूबर 2022 में राष्ट्रीय खाद्य सूरक्षा अधिनियम का आबंटन एवं राज्य पूल के चावल की उपभोक्ता दर 1 रुपये प्रति किले निर्धारित थी। प्रश्नांकित अवधि के शेष माहों में इन योजनाओं का चावल भी निशुल्क वितरित किया गया है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि केन्द्र से 63 लाख कार्डों की संख्या के हिसाब से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का चावल आया था। केन्द्र से भेजे गए 1 करोड़ 50 लाख 63 हजार टन चावल का सहीं ढंग से वितरण नहीं हुआ। इसमें 5 हजार 127 करोड़ का घोटाला हुआ है। तभी मंत्री अमरजीत भगत कागज में अंग्रेजी में लिखे ब्यौरे को पढ़कर सुनाने लगे। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमारी भाषा हिन्दी व छत्तीसगढ़ी है। इस तरह अंग्रेजी में पढ़ना आपत्तिजनक है। 5 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि गरीब परिवारों का चांवल यह सरकार खा गई। चांवल के इस मुद्दे ने इतना तूल पकड़ा कि विपक्ष एवं सत्ता पक्ष दोनों तरफ से भारी शोर शराबा होने लगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि इस विषय पर पर्याप्त चर्चा हो चुकी है। अगले प्रश्न की ओर बढ़ें। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल अगला प्रश्न करें। नारायण चंदेल ने कहा कि पहले प्रश्न का जवाब तो आ जाए। 5 हजार करोड़ का घपला है। डॉ. महंत लगातार अगला प्रश्न करने के लिए नारायण चंदेल का नाम पुकारते रहे। शोरगुल थमने के बजाए और बढ़ते चले गया। विपक्षी विधायकगण नारायण चंदेल, डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, पुन्नूलाल मोहले, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह, रजनीश कुमार सिंह, डमरूधर पुजारी, रंजना साहू एवं प्रमोद शर्मा नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए। जवाब में सत्ता पक्ष की ओर से भी जमकर नारेबाजी होती रही। अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि गर्भ गृह में आने वाले सारे विधायक सदन की कार्यवाही से स्वमेव निलंबित हो गए हैं। वे सदन से बाहर चले जाएं। इसके साथ ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

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