भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर एवं जिलाबदर की कार्रवाई पर बवाल…… सदन 3 बार स्थगित

मिसाल न्यूज़

रायपुर। कवर्धा में सांसद संतोष पांडेय एवं भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा पर एफआईआर और दो कार्यकर्ताओं कैलाश चंद्रवंशी तथा सौरभ सिंह के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई होने के मुद्दे को आज विधानसभा में भाजपा विधायकों ने जमकर उठाया। इस पर स्थगन प्रस्ताव लाया गया था। भाजपा विधायकों का आरोप था कि छत्तीसगढ़ में इस समय स्थिति अघोषित आपातकाल जैसी हो गई है। जब वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यवाही को उचित ठहराया भाजपा विधायक और आक्रोशित हो गए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन शून्यकाल के दौरान बेहद आक्रामक तेवर के बीच जिलाबदर/रासुका की कार्रवाई को लेकर भाजपा विधायकों ने एक के बाद एक सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं को आंदोलन के अधिकार नहीं हैं?  ये आपातकालीन आचरण है। विपक्ष ने सरकार पर विपक्ष को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह अघोषित आपातकाल की स्थिति है। विपक्ष के लोकतांत्रिक आंदोलनों को दबाने के लिए दमन किया जा रहा है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को टारगेट कर जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है। यह घबराई हुई सरकार की मानसिकता है। पहले भी ऐसा हुआ था। विपक्ष को कुचलने का परिणाम याद रखा जाए। विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव ग्राह्य करने की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर जिलाबदर की कार्यवाही होना मानो छत्तीसगढ़ में आपातकाल की स्थिति है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लादे जा रहे हैं। गैर जमानती धाराएं लगाई जा रही हैं। जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है। लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार सबको है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले आंदोलन पर जिला बदर की कार्यवाही होना गलत है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर चक्काजाम, घेराव, भगवा ध्वज के अपमान पर जुलूस निकालने के मामले हैं। सौ लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर जिला बदर किया जा रहा है।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता कमजोर नहीं है। यह मानसिकता लोकतांत्रिक नहीं है। हमारे 15 साल में एक भी राजनीतिक कार्यकर्ता पर जिला बदर की कार्रवाई नहीं हुई।किस आधार पर ये कार्यवाही की गई। विपक्ष से जुड़े राजनैतिक कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे तो क्या पुलिस ऐसे ही कार्यवाही करती रहेगी। भाजपा को कुचलने की मानसिकता को कुचलकर रख देंगे। इस पर कांग्रेस सदस्य बृहस्पत सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार के समय जन आंदोलन करने वालों को 15 दिन जेल में रखा गया था। वहीं जनता कांग्रेस विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा पुलिस ने 67 मुक़दमे दर्ज किए हैं। 3 एफआईआर दर्ज है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने निर्देश दिए हैं कि जाँच करें लेकिन जाँच नहीं हुई। मैं नहीं कह रहा कि मुक़दमा वापस लें। मुझे ज़मानत लेने दें या गिरफ़्तार कर लें।

सदन में बहस चल ही रही थी कि वन मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने कहा कि पुलिस कार्रवाई एकदम सही है। जिनका आप जिक्र कर रहे हैं, उन पर अपराध दर्ज हैं। कोई व्यवस्था बिगाड़े और पुलिस से धक्कामुक्की करे तो केस तो दर्ज होगा ही। इसके वीडियो उपलब्ध हैं। जब कार्यवाही हो रही है तो क्या ऐसे लोगों को यहां संरक्षण देना चाहिए। मोहम्मद अक़बर की इस टिप्पणी पर हंगामा और तेज हो गया। सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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