मिसाल न्यूज़
रायपुर। कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से लंबित 9% महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाए, 2016 से लंबित सातवें वेतनमान के अनुरूप केंद्रीय दरों पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए, पिंगुआ कमेटी एवं वेतन विसंगति दूर करने बाबत् सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट सौंपी जाए, घोषणा पत्र अनुरूप चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान दिया जाए, उक्त मांगों को लेकर प्रदेश के लगभग पांच लाख कर्मचारी, सवा लाख पेंशनर संयुक्त बैनर तले आंदोलन पर जाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। विगत 19 जून को मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के आह्वान पर एक बड़ी मैराथन बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। इस दौरान कर्मचारियों की मांगों की पूर्ति हेतु समस्त संगठनों को एक बैनर के तले आने की राह निकाली गई और समस्त संगठनों हेतु छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया।
कर्मचारी अधिकारी महासंघ के संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने अपने संयुक्त बयान में बताया कि आंदोलन में जाने के पूर्व उक्त मांगों के संबंध में संयुक्त मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से भेंट कर अपनी बात रखना चाहता है। इसके लिए फेडरेशन, महासंघ के संयोजकों और मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के नाम पत्र लिखकर मांगों का उल्लेख करते हुए चर्चा हेतु समय की मांग की गई है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र राजपूत का कहना है कि पिछले साढ़े 4 वर्षों से कर्मचारियों का आर्थिक शोषण राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। स्थिति इतनी भयावह और चिंताजनक है कि महंगाई भत्ता के नाम पर प्रत्येक चतुर्थ और तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के लाखों रुपए छत्तीसगढ़ की सरकार डकार चुकी है। उन्होंने कहा कि तब के दिनों में कर्मचारी संघों में एकजुटता की कमी थी जिसका लाभ शासन प्रशासन के लोग उठाते रहे। किंतु वर्तमान में अब फूट डालो और राज करो, यह बीते दिनों की बात हो चुकी है। अब कर्मचारी संघों नें एकजुटता के साथ अपनी मांगों को लेकर साथ चलने का निश्चय किया है।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, कर्मचारी अधिकारी महासंघ और शिक्षा विभाग के अनेक कर्मचारी संघ सभी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले एक होकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। इस संबंध में आगामी रणनीति को अंतिम रूप देने संयुक्त मोर्चा द्वारा समस्त संगठनों की एक और बैठक 23 जून को इंद्रावती भवन में आयोजित की गई है। कर्मचारी जगत में उम्मीद की जा रही है कि इन सब कवायदों का सुखद परिणाम प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों और 2 लाख पेंशनरों को शीघ्र प्राप्त होगा।