विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा- बृजमोहन ने सरकार पर लगाई आरोपों की झड़ी

मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा के इस आखरी मानसून सत्र में भाजपा विधायक दल व्दारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर  आज चर्चा की शुरुआत काफी हंगामे के बीच हुई। अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने सबसे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल खड़े हुए। उनके व्दारा कही गई कुछ लाइनों का सत्ता पक्ष की तरफ से भारी विरोध हुआ।
विधानसभा के चलते सत्र के बीच हाल ही में विधानसभा मार्ग पर हुआ प्रदर्शन जो काफी सुर्खियों में है, बृजमोहन अग्रवाल ने वहां से अपने बोलने की शुरुआत की जिसका सत्ता पक्ष की ओर से जमकर विरोध हुआ। दरअसल सत्ता पक्ष का विरोध उन शब्दों को लेकर था जिसका इस्तेमाल बृजमोहन अग्रवाल ने किया था। अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए अग्रवाल ने कहा कि सरकार जब गूँगी हो जाती है, बहरी हो जाती है तब राज्य का नौजवान विरोध में उठ खड़ा होता है और उनका बीच सड़क पर हैरान कर देने वाला प्रदर्शन होता है। सड़क पर जिस तरह का प्रदर्शन हुआ इंटेलिजेंस पर सवाल उठ खड़ा हुआ है? ऐसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लायें तो और क्या लायें। अग्रवाल ने कहा कि ये अंग्रेजों से भी बदतर सरकार है, जिसने प्रदर्शनकारी युवाओं को जेल भेज दिया। आखिर ऐसी घटना को नौबत क्यों आई। देश के इतिहास में क्या कभी ऐसी कोई घटना घटित हुई है। युवाओं के खिलाफ बलवा सहित अनेक  गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। गाँव, गरीब, किसान का बच्चा पीएससी में सलेक्ट नहीं हुआ। नेताओं व अधिकारियों के बच्चों का चयन हुआ। मंत्रियों को शर्म आनी चाहिए। इस सरकार में तुगलकी शासन चलता है। ये सरकार अन्तर्द्वन्द की सरकार है। पहले ढाई ढाई साल वाला मैटर था। लोग इंतजार करते रह गये कि किसकी सुननी है और किसकी नहीं। मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी के अध्यक्ष पर ही भरोसा नहीं रहा। तीस फीसदी वनवासियों की आबादी है। उन्हें ही ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है।  प्रदेश में वर्ग संघर्ष पैदा करने की कोशिश की जा रही है। क्या इससे छत्तीसगढ़ का विकास होगा। अग्रवाल ने कहा कि लोगों की मूलभूत आवश्यकता होती है कि उन्हें भोजन मिले, घर मिले, पानी मिले, स्कूल मिले, स्वास्थ्य मिले।आवास योजना के लिए प्रधानमंत्री ने बारह हज़ार करोड़ भेजा था, लेकिन ग़रीबों के सिर से छत छीनने का काम भूपेश सरकार ने किया। दस हज़ार गाँवों में से सिर्फ़ 1600 गाँवों में जल जीवन मिशन पहुँचा है ।
अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा था राज्य के सरकारी हॉस्पिटल में कैश काउंटर बंद होगा, इस पर क्या हुआ ? यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड का क्या हुआ ? शहरी भूमिहीन ग़रीबों को पट्टा देने की बात सरकार ने की थी, आज तक नहीं दिया गया। नया रायपुर में विश्व स्तर का स्कूल और हॉस्पिटल बनाये जाने का वादा किया गया था क्या हुआ? दिल्ली की जवान ज्योति को शिफ्ट करने पर मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि छत्तीसगढ़ में ऐसी ही ज्योति जलाई जाएगी उसका क्या हुआ? वर्धा जैसा सेवा ग्राम बनाने की बात कही गई थी उसका क्या हुआ? अग्रवाल ने कहा कि राज्य में शराब का घोटाला हुआ। पीने वालों को लेवी के साथ ज्यादा रेट में शराब लेना पड़ता है। देश में सबसे ज्यादा सीमेंट छत्तीसगढ़ में बनता है फिर भी सबसे महँगा सीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में मिलता है। सीमेंट कपनियाँ कहती हैं कि आपको पता नहीं कि एक्स्ट्रा टैक्स कहां जाता है? अग्रवाल ने कहा कि 74 हज़ार स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।स्कूलों की छत से पानी टपक रहा है। मेंटनेस नहीं हो रहा है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश भर में 36 राज्यों में 34 वें स्थान पर है। 1900 एकल शिक्षकीय स्कूल हैं। उच्च शिक्षा में हम देश में 24 वें स्थान पर है। ये हमारे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा है।
अग्रवाल ने कहा कि सवाल यह है कि क्या एक भी शहरी भूमिहीन कब्जाधारी को पट्टा मिला? वृद्धा पेंशन में वृद्धि का क्या हुआ? प्रदेश भर के शासकीय कर्मचारी सड़कों पर हैं। प्रदेश के हर जिले में वृद्धाश्रम बनना था आज तक नहीं बना है। छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति गेड़ी व भंवरा ही संस्कृति नहीं है। मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम होगा और पूरा प्रदेश अछूता रहेगा। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक कलाकार भूखे मर रहे हैं। कौशल्या माता मंदिर में 6 करोड़ का खर्चा और इसके इवेंट के लिए 25 करोड़ का खर्चा। आदिवासी महोत्सव पर दो करोड़ का खर्चा और उसके इवेंट में 11 करोड़ का खर्चा, यही घोटाला है।
अग्रवाल ने कहा कि शराब पर 2 हजार  करोड़ के घोटाले के दस्तावेज सामने आ गया है। यह घोटाला 10 हजार करोड़ से ज्यादा का है। हमारी संस्कृति में नदियों का महत्व है। इस सरकार के संरक्षण में नदियों का सीना चीरा जा रहा है। बारिश में जब रेत नहीं निकाली जानी चाहिए सरकार के संरक्षण में रेत माफिया अनवरत रेत खोद रहे हैं । बिलासपुर में अरपा नदी के किनारे अवैध रेत उत्खनन के कारण ही 3 बच्चियों की मौत हो गई। इस पर तो हत्या का जुर्म दर्ज होना चाहिए।
अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का मंत्रियों पर विश्वास नहीं, मंत्रियों का मुख्यमंत्री पर विश्वास नहीं है। मुख्यमंत्री का अपने अध्यक्ष पर विश्वास नहीं है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम को मंत्री पद से हटाकर पीछे बैठा दिया गया। योजना आयोग अध्यक्ष पद पर रहते हुए प्रेमसाय सिंह टेकाम तीन माह में  क्या कर लेंगे। इसी विधानसभा में मोहन मरकाम ने डीएमएफ में भारी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया था। 17 करोड़ लूट का मामला उठाया था। अग्रवाल ने सरकार पर 5 हजार करोड़ के चांवल घोटाले का भी आरोप लगाया।

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