अमिट छाप छोड़ गया ‘RALFF- 23’

मिसाल न्यूज़

रायपुर। राजधानी रायपुर में 3 से 5 सितंबर तक आयोजित रायपुर आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल रायपुरियंस की स्मृति में अमिट छाप छोड़ गया। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ समेत देश की बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।

फेस्टिवल क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग और टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से आयोजित रायपुर आर्ट लिटरेचर एंड फेस्टिवल का द्वितीय संस्करण संपन्न हुआ। तीन दिनों तक चले इस फेस्टिवल में फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। साथ ही विशेषज्ञों की मास्टर क्लास से यहां के युवाओं ने फिल्म तकनीक की बारीकियों को सीखा और कला, साहित्य और सिनेमा की विभिन्न विधाओं से रूबरू हुए। इस आयोजन के लिए प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने काफ़ी प्रोत्साहित किया, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं।

फेस्टिवल डायरेक्टर कुणाल शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि मध्य भारत का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल राजधानी रायपुर में आयोजित किया गया। इस बात की खुशी है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर से आगे बढ़कर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो चुका है। इस वर्ष अमेरिका और ईरान से भी फिल्में इस प्रतियोगिता में शामिल हुईं। यह फेस्टिवल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप प्रदेश में कला साहित्य और सिनेमा के लिए किए जा रहे अनेक प्रयासों की एक कड़ी है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन, उनके विज़न और कुशल नेतृत्व से यह बड़ा आयोजन संभव हो पाया।

संस्कृति मंत्री ने  किया आगाज़

3 सितम्बर रविवार को तीन दिवसीय रायपुर आर्ट, लिट्रेचर एंड फिल्म फेस्टिवल (RALFF23) का आगाज़ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पहले छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म कहि देबे संदेस (1965) की स्क्रीनिंग की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें कला, साहित्य और सिनेमा की बारीकियों के बारे में जानने समझने का मौका मिलता है। छत्तीसगढ़ देश विदेश और अन्य प्रदेशों में अपनी कला संस्कृति परंपरा और साहित्य के नाम से जाना जाए, यह हमारा प्रयास है। छत्तीसगढ़ के इतिहास, कला, संस्कृति और विरासत आदि की समृद्धि के लिए लगातार ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं। संस्कृति मंत्री ने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ को नक्सलगढ़ और पिछड़ागढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब सात समन्दर पार लोग यहां के कला, संस्कृति, साहित्य और विरासत के बारे में जानने लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों से यह सब संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने फिल्म नीति बनाई है, जिसके जरिए फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हमारा विजन है कि छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला, संस्कृति, विरासत और प्रकृति को फिल्मों में स्थान मिले। इसके लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है और गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपने को साकार कर रही है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पद्मश्री से सम्मानित गायक मदन चौहान,  रायपुर कमिशनर संजय अलंग तथा ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकार समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

अनुपमा भागवत के सितार

वादन ने मन मोह लिया

3 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अनुपमा भागवत के सितार वादन से दर्शकों का मन मोह लिया। उनके रघुपति राघव राजा राम की प्रस्तुति के दौरान दर्शकों की तालियों के गड़गड़ाहट से ऑडिटोरियम गूंज उठा। तबले पर रमेंद्र सिंह सोलंकी ने साथ दिया। आपको बता दें अनुपमा भागवत का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ का ही भिलाई शहर है। वे लगातार देश विदेश में अपने सितार वादन की प्रस्तुति दे रही हैं।

आरकेसी के बच्चों ने

सुनाई ‘अनाम गाथा’

फिल्म फेस्टिवल के दौरान राज कुमार कॉलेज के छात्रों ने अनाम गाथा के जरिए शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी को जीवंत प्रस्तुत किया। इसमें राजकुमार कॉलेज के दूसरी से छठवीं कक्षा के 70 बच्चों ने भाग लिया।

पैनल डिस्कशन

में ‘चांद’ पर चर्चा

फेस्टिवल के दौरान पैनल डिस्कशन में गीतकार शैलेन्द्र सिंह सोढ़ी ‘शेली’, अजित सिंह राठौर, विनीत शर्मा, दिव्यांश सिंह एवं विकास उपाध्याय ने चाँद के पार चलो (डिकोडिंग द फ्यूचर) पर चर्चा की। कार्यक्रम को आर.जे. अनिमेष ने मॉडरेट किया। पैनल डिस्कशनके दूसरे सत्र में एक बगल में चाँद पर हुई चर्चा में  छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग की क्यूनिकेशन हेड डॉ. शुभदा चतुर्वेदी, मनीष गायकवाड़, नसीम खातून, निमिष गौड़ और डॉ. नीरज पाण्डेय ने भाग लिया।  डॉ. शुभदा चतुर्वेदी ने चर्चा के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ पर्यटन के दृष्टि से समृद्ध है। यहां आदिम पर्यटन, प्राकृतिक, साहित्यिक, धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन से भरपूर है। पैनल डिस्कशन के दूसरे सत्र को स्वाति पांडे ने मॉडरेट किया।

पहले दिन की स्क्रीनिंग

फेस्टिवल के पहले दिन फेस्टिवल रिलीज़ में मनोज वर्मा कृत शार्ट फिल्म ‘पेंटेड’ की लॉन्चिंग हुई। इसे रुनझुन जैन ने निर्देशित किया है। इसी कड़ी में मलयाली शॉर्ट फिल्म ‘Melanin Muse’ और ईरानी फिल्म ‘नंबर 9’ की स्क्रीनिंग की गई।

मास्टर क्लास में युवाओं ने

सीखी फिल्म की बारीकियां

दूसरा दिन 4 सितंबर  सिने प्रेमियों के लिए खास रहा है। विशेषज्ञों की मास्टर क्लास में युवाओं ने फिल्म और तकनीक के बारीकियों को सीखा। इसके साथ ही चयनित फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। दूसरे दिन फिल्म डायरेक्टर मनोज वर्मा ने स्क्रिप्ट और स्क्रीन प्ले की बारीकियों के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने कई सवालों के जवाब भी दिए। इन्डेपेंडेंट फिल्म मेकिंग एंड साउंड डिजाईन विषय पर अजित सिंह राठौर (जिमी) ने युवाओं की मास्टर क्लास ली। शैलेंद्र सिंह सोढ़ी ‘शेली’ और विनीत शर्मा ने पोएट्री और म्यूजिक से संबंधित बारीकियों के बारे में बताया। उन्होंने फिल्म तकनीक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभावों के बारे में बताया। एक्टिंग की बारीकियों पर प्रितेश पाण्डेय ने क्लास ली। छत्तीसगढ़ की बेटी पायल विशाल ने वाइस ओवर की बारीकियों के बारे में बताया। इन्डेपेंडेंट फिल्म मेकिंग पर नीरज ग्वाल की मास्टर क्लास रही।

दूसरे दिन की स्क्रीनिंग

दूसरे दिन ‘द कोरोना फाइटर’, ‘ढाई किलो का हाथ’, ‘अहसास’, ‘टम-टम’, ‘स्पाइसी रम’, ‘गूफी लव स्टोरी’, ‘एक भ्रष्ट शिक्षक’, ‘द सुपर राइडर्स’, ‘मेलनिन म्यूज’, ‘माई मदर माई वर्ल्ड’, ‘आई एम नोट डाउन’, ‘फांस 47’, ‘ट्रैफिक’, ‘निकास’, ‘दंडकारण्य’, ‘मोनेर कोथा’, ‘कोर्ट’, ‘पहला अंडा’, ‘द जर्नी’, ‘मेरा दद्दू (माई ग्रैंड पा)’ फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई।

अमीषा पटेल ने किया सम्मानित

फेस्टिवल के समापन और अवार्ड सेरेमनी में जानी-मानी बॉलीवुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल शामिल हुईं। उन्होंने बेस्ट फिल्म मेकर्स को अवार्ड दिया। अमीषा पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस तरह का बड़ा फिल्म फेस्टिवल होना अपने आप में महत्वपूर्ण है। इससे फिल्म मेकर्स को प्रोत्साहन मिलता है। मैंने सुना कि इस फिल्म फेस्टिवल में ईरान और अमेरिका की फिल्में प्रदर्शित हुई। मुझे उम्मीद है आने वाले समय में भारत के साथ साथ अन्य और कई देशों की फिल्में शामिल होंगी। उन्होंने इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

इन्हें मिला अवार्ड

अंतिम दिन अवार्ड सेरेमनी में विभिन्न अवार्ड दिए प्रदान किए गए। बेस्ट शॉर्ट फिल्म ‘मेलनिन म्यूज’ घोषित हुई। बेस्ट डायरेक्टर अवार्ड धीरज कुमार चावाडे को ‘माई मदर माई वाइफ’ के लिए प्रदान किया गया। बेस्ट सिनेमेटोग्राफी ‘आई एम नोट डाउन’, बेस्ट स्क्रीन प्ले ‘ईशा (कॉल सेंटर)’, बेस्ट एक्टर ‘मिलनिन म्यूज’ के लिए चंजल आर नाथ को दिया गया। स्पेशल जूरी अवार्ड ‘द सुपर राइडर’ और ‘एक भ्रष्ट शिक्षक’ को दिया गया। बेस्ट म्यूजिक ट्रैफिक, बेस्ट साउंड डिजाइन ‘फांस 47’ और अवार्ड ऑफ़ रिकॉग्नाइजेशन ईरानी फिल्म ‘नंबर 9’ रही।

पर्दे के पीछे इन्होंने

संभाली जिम्मेदारी

रायपुर आर्ट लिटरेचर एंड फ़िल्म फेस्टिवल को सफल बनाने में पर्दे के पीछे RALFF की टीम का सबसे बड़ा योगदान रहा। फेस्टिवल क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय ने बताया कि फेस्टिवल क्यूरेटर डायरेक्टर कुणाल शुक्ला ने पूरे कार्यक्रम की कमान संभाली। इसी कड़ी में रॉकी दासवानी, आरजे नमित तथा पायल विशाल का विशेष योगदान रहा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग तथा छत्तीसगढ़ टूरिज़्म बोर्ड के सहयोग से नेचर फ्रेंड्स सोशल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन एवं एके एसोसिट्स द्वारा आर्ट, लिट्रेरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया था।

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