मिसाल न्यूज़
रायपुर। राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के बाद किसान नेता गिरीश देवांगन ने कहा कि मैं उन डॉ. रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहा हूं जिन्होंने 15 साल मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए किसानों के साथ धोखा किया। इनकी किसान विरोधी नीतियों के चलते प्रदेश के हजारों किसानों ने आत्महत्या की। इन्होंने किसानों को 300 रुपये बोनस देने का वादा किया था जो कि पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस के काफी विरोध के बाद इन्होंने किसानों को धान खरीदी में 2500 रुपये समर्थन मूल्य देना शुरु किया। नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड एवं आंखफोड़वा कांड इनके शासनकाल में हुए। मैं राजनांदगांव के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य लेकर चुनावी मैदान में आया हूं और जीत मेरी ही होगी।
राजीव भवन में आज प्रेस कांफ्रेंस में गिरीश देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के अन्य नेतागण छत्तीसगढ़ आकर लगातार झूठ बोल कर जाते हैं कि धान खरीदी केंद्र सरकार करती है। सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार खुद के दम पर खरीदती है। धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती है। इसके लिये मार्कफेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेती है। इस ऋण के लिये बैंक गारंटी राज्य सरकार देती है तथा धान खरीदी में जो घाटा होता है उसको भी राज्य सरकार वहन करती है। पिछले वर्ष मार्कफेड ने लगभग 35 हजार करोड़ का ऋण धान खरीदी के लिये लिया था। मोदी सरकार तो घोषित समर्थन मूल्य से 1 रूपये भी ज्यादा कीमत देने पर राज्य सरकार को धमकाती है कि वह राज्य से केन्द्रीय योजनाओं के लिये लगने वाला चावल नही खरीदेगी। अकेली छत्तीसगढ़ सरकार है जो अपने धान उत्पादक किसानों को देश में सबसे ज्यादा कीमत देती है। छत्तीसगढ़ के किसानों को पिछले वर्ष धान की कीमत 2640 रुपये मिली। उत्तरप्रदेश एवं गुजरात जैसे राज्यों में तो किसानों को धान का मूल्य 1100 रूपये मिलता है।
गिरीश देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का अकेला ऐसा राज्य है जहां किसानों को प्रति एकड़ धान पर 9,000 रूपये तथा अन्य फसल पर 10,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी मिलती है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है जहां पर कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपये मिलता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के खाते में डेढ़ लाख करोड़ रूपये सीधे डाला है। भाजपा कभी नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के किसानों के धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो। केन्द्र सरकार ने सेन्ट्रल पुल में उसना चावल लेने से मना कर दिया था। छत्तीसगढ़ का कोई भी भाजपा नेता सांसद, विधायक इस संबंध में केन्द्र से पहल करने आगे नहीं आया था। डॉ. रमन सिंह की सरकार के दौरान सात से आठ लाख किसान धान बेचते थे और 50 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी 15 साल में नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद वादा अनुसार धान की कीमत 2500 रु. प्रति क्विंटल दिया गया। आज धान बेचने वाले किसानों की पंजीकृत संख्या 25 लाख तक पहुंच गई है। फसल लगाने के रकबे में 5 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र भले एक दाना चावल मत ले, कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों का दाना-दाना धान खरीदेगी। इस वर्ष भी कांग्रेस सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष राज्य के किसानों से कांग्रेस सरकार 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदेगी।