संविधान जिंदाबाद था, है और रहेगा… भाजपा का 400 पार नारा बेअसर- चंदन यादव

मिसाल न्यूज़

रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव ने कहा कि संविधान जिंदाबाद था, संविधान जिंदाबाद है, और जिंदाबाद रहेगा। 2024 का लोकसभा चुनाव सिर्फ सत्ता का परिवर्तन का चुनाव नहीं है।  यह दो विचारधारा का चुनाव है। संविधान और देश को बचाने का चुनाव है। भारतीय जनता पार्टी ने जिस नीयत और नीति से 400 पार का नारा दिया, साफ दिख रहा है कि वो जनता के बीच बेअसर साबित हो रहा है। जैसे-जैसे चुनाव चढ़ता जा रहा है भाजपा उसी तेज रफ्तार से नीचे जा रही है।

राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में चंदन याादव ने कहा कि चुनावी माहौल में भाजपा के कई बड़े नेता कहते नज़र आ रहे हैं कि किसी और की सरकार बनी तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा। सच्चाई कुछ और है। जब पहली बार एनडीए की सरकार बनी थी तब बाजपेयी सरकार ने कॉन्स्टिट्यूशन रिव्यू कमेटी बनाई थी, जिसके अध्यक्ष जस्टिस वेंकटेश चिलैय्या थे। जब-जब भाजपा की सरकार बनी तब-तब वो संविधान में छेड़छाड़ करने या उसे बदलने के प्रयास होते रहे। भाजपा और आरएसएस की मूल विचारधारा देश के संविधान के परस्पर विपरीत है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर राष्ट्रीय संविधान कमेटी के चेयरमेन रहे। तमाम दिग्गज नेताओं  ने मिलकर एक मजबूत संविधान बनाया, जो भारतीयता को दर्शाता है। भारत बोलें तो अनेकता में एकता है। भारत को समझना चाहेंगे तो 22 प्रमुख भाषाएं हैं, 1632 बोलियां हैं, 6500 जाति-उपजाति हैं। 52 जनजातियां हैं। 29 मुख्य त्यौहार हैं। 6 मुख्य धर्म हैं। 27 राज्य हैं। 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं पर संविधान एक है। हमारी संस्कृति अलग है, हमारी भाषा अलग है, खान-पान, रहन-सहन सब अलग है लेकिन हम एक संविधान में विश्वास करते हैं। आरएसएस की विचारधारा इससे टकराव में है। इसलिये वो संविधान का बदलना चाहते हैं। कांग्रेस हिस्सेदारी व न्याय को बड़ा चुनावी मुद्दा मानती है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा के आरक्षण बिल पास कराकर राज्यपाल के पास भेजा जिस पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ की जनता सवाल कर रही है कि यह सामाजिक न्याय की हत्या है या नहीं?

यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा के लोग जातिगत जनगणना के पक्ष में क्यों नहीं हैं?  जब कोई भी योजना या नीति बनाई जाती है उसका आधार डेटा होता है। हिन्दुस्तान में जाति एक सच्चाई है और जाति आधार पर भेदभाव है ये भी एक सच्चाई है। संविधान कहता है कि इस भेदभाव को कम करना है, खत्म करना है। जब तक हमारे पास डेटा नहीं रहेगा तब तक इस भेदभाव को खत्म नहीं कर पायेंगे। भाजपा डेटा कलेक्शन से क्यों घबरा रही है? मोदी जी गरीबों के विरोधी हैं और उनके 22 से 25 अमीर मित्र हैं जिनका 16 लाख करोड़ का ऋण माफ किया गया है। इनको सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की चिंता नहीं है। गरीब लोग एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक हैं उनकी कहीं कोई चिंता नहीं है।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री सकलेन कामदार, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, प्रवक्ता सत्यप्रकाश सिंह, अजय गंगवानी एवं अमित श्रीवास्तव उपस्थित थे।

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