आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी एवं सामान्य वर्ग का हक छिन लेना चाहती है कांग्रेस- शिवरतन शर्मा

मिसाल न्यूज़

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व चुनाव प्रबंधन समिति प्रदेश संयोजक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देने की बात कहकर साफ कर दिया गया है कि वह आदिवासियों, ओबीसी और अनुसूचित जाति सहित सामान्य वर्ग के सभी हक छिन लेना चाहती है। राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा द्वारा विरासत-टैक्स का राग अलापने के बाद अब सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को धर्म के आधार पर शेयर देने की बात से कांग्रेस का आदिवासी, ओबीसी और अजा विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है।

एकात्म परिसर में आज पत्रकार वार्ता में शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करे कि सार्वजनिक कार्य अनुबंध’ की बात कहकर कौन से मंसूबों को अमल में लाना चाहती है? अब कांग्रेस या तो स्वीकार करे कि उसका मकसद वही है जो मनमोहन सिंह ने कहा था, सैम पित्रोदा ने कहा है, और अब कांग्रेस के नेता कह रहे हैं, या फिर देश से माफी मांगकर इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र से वापस ले। शर्मा ने कहा कि अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने तानाशाही और लोकतंत्र, भय पर स्वतंत्रता की बात कही है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस में कभी लोकतंत्र रहा है? कांग्रेस का इतिहास उठाकर देखें आजादी के बाद से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष या कांग्रेस का जब शासन रहा तो किस परिवार से रहा है? उन लोगों ने उनके संगठन और सरकार में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए क्या काम किया? 1975 का आंतरिक आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। धारा 356 का उपयोग करके कितनी राज्य सरकारों को बर्खास्त किया गया? कांग्रेस और कांग्रेस के समर्थन वाली सरकार चलाने वाले लोग आज मीडिया की स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं। आज जो पार्टी समाप्ति की ओर है, आपातकाल के दौरान प्रिंट मीडिया के कनेक्शन काट दिए गए थे। सरकार के खिलाफ समाचार लिखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जब छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब पत्रकार राजनारायण मिश्र ने अजीत जोगी सरकार के खिलाफ लेख लिखा तो उनकी गिरफ्तारी हो गई थी। विधानसभा में यह मामला उठाने पर तत्कालीन गृह मंत्री नंदकुमार पटेल ने कहा कि हमने मिश्र को सुरक्षा देने के लिए लॉक-अप में बंद किए हैं।

शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी बयान दे रहे हैं कि आर्थिक सामाजिक जातिगत जनगणना करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व यह बताए कि जाति जनगणना पर रोक लगाने का काम पं. नेहरू के समय से कांग्रेस की सरकारों ने ही किया है। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में भी जातिगत जनगणना नहीं हुई। आज राहुल गांधी अगर जाति जनगणना की बात कर रहे हैं तो कांग्रेस के द्वारा जाति जनगणना पर जो रोक लगाई गई थी, क्या वह गलत थी? कांग्रेस ने कहा कि ढाई हजार की आबादी पर हम एक आशा कार्यकर्ता नियुक्त करेंगे। कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाते समय यह लोग भूल गए कि छत्तीसगढ़ में आशा कार्यकर्ता जिनको मितानिन कहा जाता है यहां 1000 की आबादी से भी कम पर है। यानी 1000 से कम आबादी पर आशा कार्यकर्ता नियुक्त है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रसोइया का मानदेय बढ़ाने की बात 2018 के जन घोषणा पत्र में कही गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहा गया था कि हम कलेक्टर दर पर भुगतान करेंगे। 2023 के चुनाव से पहले 100 दिनों तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन चला। आज यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मानदेय बढ़ाने के बाद मितानिनों को 10,000 रुपए देने की बात कही थी वह भी नहीं किया। रसोइयों को मानदेय बढ़ाने के बाद किया था वह भी नहीं दिया गया।

शर्मा ने कहा कि अभी महालक्ष्मी योजना के अंतर्गत कांग्रेस के घोषणा पत्र में 1 लाख रुपए प्रति परिवार देने की बात की गई है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले प्रति परिवार की महिलाओं को 1 लाख रु. देने की घोषणा पर कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रत्येक महिला को 1 लाख रु. देने के लिए फॉर्म भरवा रहे हैं। देश में महिलाओं की आबादी लगभग 65 करोड़ के आसपास है और देश का सन् 23-24 का बजट 48 लाख करोड़ रुपए का था। अगर यह प्रत्येक महिला को एक लाख रु. देंगे तो 65 लाख करोड़ रुपए लगेंगे। यह आंकड़ा देश के कुल बजट से भी ज्यादा है। उसमें यह राशि देना संभव नहीं है। कांग्रेस पार्टी नारी शक्ति का अपमान कर रही है। राहुल गांधी प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल को इन सभी विषयों पर जवाब देना चाहिए। इनके घोषणा पत्र में भी बड़ी विचित्र बात लिखी गई है। कांग्रेस ने अपराधियों की जमानत के संदर्भ में एक कानून बनाने का वादा किया है। हम इस आशय को पुन: स्पष्ट करते हैं कि अपराध में जमानत का नियम है। हमारे यहां पुलिस जुर्म दर्ज करती है, अपराध जमानती और गैर जमानती दोनों होते हैं। गैर जमानती अपराध में जमानत देना है कि नहीं देना है यह न्यायालय के विवेक अधिकार पर निर्भर करता है। जो चोरी करें, डकैती करें, हत्या करें, देश के विभाजन की बात करें, क्या ऐसे लोगों को भी जेल में डालने के बजाय स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार कांग्रेस पार्टी देगी? जो सार्वजनिक रूप से देश के विभाजन की बात करें ऐसे लोगों को भी जेल में डालने की बजाय उनको खुला छोड़ दिया जाए, क्या यह देश के हित में है?

पत्रकार वार्ता में विधायक पुरंदर मिश्रा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी एवं सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित थे।

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