मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज मानसून सत्र के दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सवाल पर सवाल खड़े किए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि जनवरी 2024 से जून 2024 तक प्रधानमंत्री आवास योजना का कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? उक्त अवधि में केंद्र सरकार से कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा राज्यांश की कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है? अभी तक इस योजना के तहत कितने आवास पूर्ण हो चुके हैं? क्या पूर्ण हुए आवास का भौतिक सत्यापन किया गया है और हितग्राहियों को राशि दी जा चुकी है? कितने आवास का भौतिक सत्यापन किया जाना शेष है? उप मुख्यमंत्री (लोक निर्माण) अरुण साव ने जवाब में कहा कि जनवरी 2024 से जून 2024 तक कोई आवास स्वीकृत नहीं हुआ। केंद्र सरकार से 165 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है और राज्यांश राशि 94 करोड़ से अधिक की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस योजना के तहत स्वीकृत आवासों में से अब तक 1 लाख 66 हजार 196 आवास पूर्ण हो चुके हैं। अंतिम किस्त की राशि जारी की जा चुकी है। शेष 7014 पूर्ण आवासों की अंतिम किस्त का भुगतान किया जाना शेष है। इसी तरह पूर्ण आवास में 3201 आवास का का भौतिक सत्यापन किया जाना शेष है।
भूपेश बघेल ने सवाल किया कि कि 18 लाख आवास बनाने की योजना का जो विज्ञापन जारी हुआ उसमें शहरी आवास शामिल हैं या नहीं? अरुण साव ने कहा कि शहरी आवास 18 लाख आवास के भीतर ही हैं। बघेल ने सवाल किया कि शहरी क्षेत्रों में आवास के कितने डीपीआर बनाकर केंद्र को भेजे गए हैं? इस पर साव ने कहा कि पिछली सरकार में 19 हज़ार 906 आवास बनाने का डीपीआर केंद्र को भेजा गया था। बघेल ने पूछा कि केंद्र से कितने आवासों की स्वीकृति मिली है? साव ने कहा कि नए आवासों की स्वीकृति अब तक केंद्र से नहीं मिली है।भूपेश बघेल ने कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले आठ महीनों में एक भी आवास बनाने का प्रस्ताव केन्द्र को नहीं भेजा गया है। साव ने कहा कि आवास बनाने का मापदंड है। भेजे गये प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद नये प्रस्ताव भेजे जाएंगे। बघेल ने कहा कि कच्चे मकान का पट्टा देना राज्य सरकार के हाथ में है। कच्चे मकान को पक्का करने का डीपीआर बनाकर केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। साव ने कहा कि पट्टे वाले मकानों को लेकर सरकार विचार कर रही है। बघेल ने कहा कि आवास योजना को नौ साल हो गये हैं। मकान बनाना खर्चीला हो गया है। क्या 2015 की स्वीकृत राशि को बढ़ाने की पहल सरकार करेगी? इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर निर्णय लेगी।