खैरागढ़ महोत्सव 2022 : तीनों दिन रंगारंग प्रस्तुतियां, आज समापन

मिसाल न्यूज़

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ परिसर में खैरागढ़ महोत्सव-2022 का समापन आज शाम होने जा रहा है। 27 अप्रैल से शुरू इस चार दिवसीय महोत्सव में प्रतिदिन बड़ी संख्या में दर्शक पहुँचे और रंगारंग प्रस्तुतियों का आनंद उठाए। उल्लेखनीय है कि दो सालों के अंतराल के बाद यह महोत्सव हुआ, जिसे लेकर दर्शक में जोरदार उत्साह देखने को मिला।

गौरतलब है कि 27 अप्रैल को विश्वविद्यालय में 16वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ, जिसमें बाॅलीवुड की प्लेबैक सिंगर कविता कृष्णमूर्ति को भी डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। छत्तीसगढ़ के जस गायक दिलीप षड़ंगी को भी डी.लिट की मानद उपाधि दी गई। 27 अप्रैल की शाम को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर शेख मेदिनी होम्बल के नृत्य संयोजन में भरतनाट्यम विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा राज्य गीत पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसी शाम को बाॅलीवुड की प्लेबैक सिंगर कविता कृष्णमूर्ति को सुनने के लिए दर्शकों की भीड़ टूट पड़ी थी। खैरागढ़ विश्वविद्यालय का परिसर दर्शकों की भीड़ से खचाखच भर गया था। इसके बाद प्रसिद्ध वायलिन वादक डाॅ. एल. सुब्रमण्यम ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।

महोत्सव के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के प्रो. हिमांशु विश्वरूप के संयोजन में विद्यार्थियों ने राज्यगीत एवं वाद्य वृंद की प्रस्तुति दी। इसी शाम को केरल से आए कला मंडलम सोनी एवं समूह के द्वारा मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद नई दिल्ली से आए पद्मश्री सम्मानित उस्ताद एफ. वसीफुद्दीन डागर के द्वारा ध्रुपद गायन की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद छत्तीसगढ़ी जस एवं लोकगीत के प्रसिद्ध कलाकार दिलीप षंड़गी ने शानदार प्रस्तुति दी। उनके गानों पर दर्शक झूमते रहे। देर रात तक रंगारंग कार्यक्रम चलता रहा। कार्यक्रम की एंकरिंग आर.जे. नमित और सोनिया कर रहे हैं।

29 अप्रैल की शाम को खैरागढ़ महोत्सव में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ओडिसी नृत्य विभाग के द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर सुशांत दास के नृत्य संयोजन में राज्य गीत की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद किराना घराना के गायक परितोष पोहनकर (इंदौर) के द्वारा गायन प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के अरूप चटर्जी ने तबले पर एवं शफीक हुसैन ने सारंगी पर संगति की। मुंबई से आए प्रसिद्ध सरोद वादक पं. व्रजनारायण ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. हरिओम हरि ने तबले पर संगति दी। इसके बाद भारतीय रंगमंच और सिनेमा के प्रतिनिधि कलाकार पीयूष मिश्रा और उनकी टीम ने बल्लीमारान बैंड की प्रस्तुति दी। इसके बाद झारखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री मुकुन्द नायक ने अपनी टीम के साथ आदिवासी लोकसंगीत की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति के दौरान पद्मश्री मुकुंद नायक ने विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री ममता (मोक्षदा) चंन्द्राकर, खैरागढ़ जिला के ओएसडी डाॅ. जगदीश सोनकर, कुलसचिव प्रो.डाॅ. आईडी तिवारी, पूर्व नगर पालिक अध्यक्ष मीरा गुलाब चोपड़ा आदि को भी मंच पर आमंत्रित किया। 29 अप्रैल की शाम को महोत्सव के दौरान खैरागढ़ महोत्सव के दौरान फिल्म डायरेक्टर प्रोडूसर प्रेम चंद्राकर, खैरागढ़ जिला के OSD डॉ. जगदीश सोनकर (सपत्नीक), कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर, प्रो. हिमांशु विश्वरूप, कुलसचिव प्रो डॉ आईडी तिवारी, प्रख्यात रंग-मर्मज्ञ व आज की जनधारा के प्रधान सम्पादक सुभाष मिश्रा, राज परिवार के वरिष्ठ सदस्य लाल अशोक सिंह आदि उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो.डाॅ. आईडी तिवारी ने बताया कि महोत्सव के आज अंतिम दिन कुलपति पद्मश्री ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर के मार्गदर्शन और डाॅ. योगेन्द्र चौबे के संयोजन में लोकसंगीत एवं कला संकाय के द्वारा राज्यगीत अरपा पैरी के धार एवं ‘लोक में राम’ की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद नई दिल्ली के प्रसिद्ध शहनाई वादक योगेश कुमार शंकर, देवास की विदूषी कलायिनी कोमकली, पश्चिम बंगाल के छाऊ नृत्य कलाकार मनोहर कुमार एवं साथी, महाराष्ट्र लावणी कलकार चंद्रकांत पाटिल अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। उल्लेखनीय है कि खैरागढ़ महोत्सव 2022 के इस साल के आयोजन के लिए बनाए गए मंच और साज-सज्जा भी आकर्षण के केन्द्र हैं। इस बार इंदिरा कला संगीत महाविद्यालय परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है, जिसे लोग देखकर आनंदित हो रहे हैं। समापन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत मुख्य अतिथि होंगे, वहीं कुलपति पद्मश्री ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी। संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद अति विशिष्ट अतिथि होंगे।

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