मिसाल न्यूज़
रायपुर। महापौर श्रीमती मीनल चौबे के निर्देश पर नगर निगम के इतिहास में पहली बार मुख्यालय एवं जोनों के राजस्व विभाग में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का ख़ास प्रशिक्षण हुआ। प्रशिक्षण में कर संग्रहण एवं छुटी हुई संपत्तियों के सर्वे एवं राजस्व वसूली के गुर विशेषज्ञों ने सिखलाए। इस दौरान राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जोरों से अपनी बात रखते हुए कहा किसी भी सूरत में सीएसआईडीसी के उद्योगों का संपत्ति कर माफ नहीं किया जाए।
नगर निगम मुख्यालय के सामान्य सभा सभाकक्ष में इस ख़ास प्रशिक्षण सत्र में सभापति सूर्यकांत राठौड़, राजस्व विभाग अध्यक्ष अवतार भारती बागल, निगम कमिश्नर विश्वदीप, अपर कमिश्नर यू.एस. अग्रवाल, उपायुक्त डॉ. अंजलि शर्मा, जोन कमिश्नर विवेकानंद दुबे, आर. के. डोंगरे एवं आईटी विशेषज्ञ रंजीत रंजन उपस्थित थे।
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने राजस्व अमले के कर्मचारियों को इस वर्ष रायपुर क्षेत्र के सभी खाली भूखण्डों से नियमानुसार कर वसूली कड़ाई के साथ करने के निर्देश मंच से दिये। महापौर ने कहा कि उन्हें अपने राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर पूर्ण विश्वास है। निष्पक्ष होकर नियमानुसार वसूली करें। वसूली संतोषजनक रही तो नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। लक्ष्य तय करें नगर निगम अपना खर्च स्वयं निकाले ।
सभापति सूर्यकांत राठौड़ ने कहा कि जो भी टैक्स लिए जाएं वह पूर्ण पारदर्शिता के साथ लिए जाएं। आमजनों को भी नियमों की जानकारी हो। राज्य शासन द्वारा निर्धारित शुल्क को लेकर आमजनों के मध्य कोई भ्रांतियां ना रहे। जो शुल्क निर्धारित है उसको लेकर आमजनो के मध्य विश्वास पैदा करने कार्य करें।
निगम कमिश्नर विश्वदीप ने प्रशिक्षण में पहुंचकर राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों से प्रशिक्षण की जानकारी ली एवं उनका उत्साहवर्धन किया।
राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने निगम हित में मांग की कि सीएसआईडीसी के उद्योगों का संपत्ति कर माफ किया गया है इसे नगर निगम द्वारा माफ नहीं किया जाए। उनसे 7 करोड़ से अधिक संपत्ति कर राजस्व वसूली नगर निगम रायपुर को हो सकती है। राजस्व विभाग कर्मचारियों ने महापौर से मांग की कि 500 वर्गफीट क्षेत्र से नीचे झुग्गी झोपडी में यूजर चार्ज जलकर आदि लेना है उनका सरचार्ज एक समय हेतु माफ किया जाये। ताकि नगर निगम को नियमानुसार राजस्व वसूली हो सके। राजस्व कर्मियों ने मलीन बस्तियों में लगभग 48 हजार मकानों पर बहुत अधिक राजस्व कर बकाया होने पर उन्हें नियमानुसार कर अदायगी हेतु नगर निगम द्वारा छुट देने की मांग महापौर से की। इससे निगम को 10 से 15 करोड रू. का राजस्व प्राप्त होने का मार्ग शीघ्र प्रशस्त हो सकेगा।
सत्र को राजस्व विभाग अध्यक्ष अवतार भारती बागल ने भी संबोधित किया। आयुक्त कमिश्नर यूयएस. अग्रवाल, उपायुक्त डॉ. अंजलि शर्मा, जोन कमिश्नर विवेकानंद दुबे, आर.के. डोंगरे, आईटी विशेषज्ञ रंजीत रंजन, विषय विशेषज्ञ डॉ. अशोक चंद्राकर ने भी अपने विचार रखे।