मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र के आज दूसरे दिन विनियोग विधेयक एवं आरक्षण पर चर्चा के दौरान ऐसा भी सीन सामने आया जब नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया एवं वरिष्ठ विपक्षी विधायक बृजमोहन अग्रवाल आपस में बुरी तरह उलझ गए। भारी व्यवधान होते देख अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। तनाव यहीं नहीं थमा स्थगित कार्यवाही के बीच गर्भ गृह के भीतर डॉ. शिव कुमार डहरिया एवं वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बीच झूमाझटकी तक की नौबत आ गई।
आज की कार्य सूची में अनुपूरक बजट तथा आरक्षण संशोधन विधेयक के अलावा विनियोग विधेयक भी था। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोई भी विधेयक प्रस्तुत होने से पहले विधायकों के बीच वितरित होना चाहिए लेकिन विनियोग विधेयक को लेकर ऐसा नहीं हुआ। लोकसभा, राज्यसभा एवं विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब नियमों को शिथिल कर विनियोग विधेयक लाया गया। जहां तक आरक्षण बढ़ाने की बात है तो उस पर हमारा 100 प्रतिशत समर्थन है। लेकिन क्या चुनाव जीतने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ाएंगे। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि 5 फरवरी को भानुप्रतापपुर उप चुनाव है। अनुपूरक बजट, विनियोग विधेयक एवं आरक्षण संशोधन सब कुछ आज पारित करवा लेने की तैयारी है। यह विशेष सत्र उप चुनाव के बाद 9-10 या 15 तारीख को भी रखा जा सकता था। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने प्रश्न उठाया कि आप आरक्षण पर चर्चा चाहते हैं या नहीं? चंद्राकर ने कहा चाहते हैं लेकिन नियमों के तहत।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि आरक्षण बिल को हम महत्वपूर्ण बिल मानते हैं। यहां पर सार्थक चर्चा कर लेने के बाद हम इसका समर्थन भी करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार स्वयं इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई। जब यह विषय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तो क्या इस पर यहां चर्चा हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कर्नाटक एवं तमिलनाडु जैसे राज्य ने आरक्षण बिल पास किया, इसे आप क्यों रोकना चाह रहे हैं? इस बीच सत्ता पक्ष की ओर से टोकाटाकी होने लगी। विपक्षी सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि मुझे व बृजमोहन जी को सुनें। डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि कुतर्क कर रहे हो, ऐसे में क्यों सुना जाए। नारायण चंदेल ने कहा कि पूरा सदन संशय में है। नियम परंपराओं को रौंदते हुए चर्चा न हो। भानुप्रतापपुर उप चुनाव की मतगणना 8 दिसंबर को है। 9 को सत्र बुला लें। आरक्षण के एजेंडे पर चर्चा कर इसे पारित कर लेंगे। इसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों में तीखी बहस होने लगी। सत्ता पक्ष के विधायक विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आज आप लोग यहां जो कुछ कर रहे हैं उसे पूरी दुनिया देख रही है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि केवल हॅसी मजाक चल रहा है। आरक्षण का मामला ऐसा उलझ चुका है कि सरकारी पदों पर भर्तियां नहीं हो रहीं। प्रतियोगी परीक्षाएं और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश ये सब प्रभावित हो रहे हैं। वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि आरक्षण विधेयक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका कहीं कोई विरोध नहीं है। पहली बार देख रहा हूं कि विपक्ष कोई प्रश्न उठाता है तो बोलने के लिए दो-तीन मंत्री खड़े हो जाते हैं। एक-डेढ़ घंटे से यही सब चल रहा है। इसके बाद बृजमोहन अग्रवाल कुछ कह ही रहे थे कि मंत्री डॉ. शिव डहरिया की तरफ से टोकाटाकी हुई। इस पर डहरिया को सामने आने की चुनौती देते हुए बृजमोहन अग्रवाल गर्भ गृह में जा पहुंचे। दोनों तरफ भारी शोर शराबा होने लगा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही स्थगित होने के बाद डॉ. शिव डहरिया एवं अजय चंद्राकर गर्भ गृह में सीधे आमने सामने हो गए। धक्का मुक्की तक की नौबत आ गई। तब नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल एवं कुछ अन्य विधायकों ने दोनों को अलग किया।