विधानसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरफ से उठी आवाज… बिलासपुर में ‘एम्स’ की जरूरत

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों ही तरफ के विधायकों ने जोर देकर कहा कि बिलासपुर में भी एम्स खोले जाने की ज़रूरत है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि एक और एम्स के लिए बिलासपुर चिन्हांकित हुआ है। एक बार फिर इस मांग को केन्द्र सरकार के समक्ष रखेंगे।

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक ही एम्स है। गंभीर मरीजों को रायपुर एम्स भेजना पड़ता है। बिलासपुर एवं सरगुजा दोनों संभागों को मिलाकर देखें तो आबादी करीब डेढ़ करोड़ है। ऐसे में बिलासपुर में भी एक एम्स खोलने की जरूरत महसूस की जा रही है। प्रदेश में जब भी दूसरा एम्स खुले बिलासपुर में ही खुले। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए कि जब भी एम्स खुलेगा बिलासपुर में खुलेगा। विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का बयान पढ़ने में आया कि वे बिलासपुर में एम्स लाने के इच्छुक हैं। क्या इस सदन में घोषणा करेंगे कि बिलासपुर में एम्स लाने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार अपनी ओर से पहल करेगी? क्या इस संबंध में एक शासकीय संकल्प पारित कर दिल्ली सरकार को भेजेंगे? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सरगुजा संभाग में चिकित्सा से संबंधित सेवाओं का अभाव है। गंभीर बिमारी के मरीज विशाखापट्टम या नागपुर की राह पकड़ते दिखाई पड़ते हैं। एम्स बिलासपुर संभाग में आना ही चाहिए। इससे बिलासपुर एवं सरगुजा दोनों संभागों को फायदा मिलेगा। शैलेश पांडे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी बिलासपुर संभाग से ही हैं।

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिहदेव ने कहा कि बिलासपुर में एम्स की मांग को लेकर एक पत्र केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भेजा गया है। एम्स की स्थापना कठिन एवं बड़ा निर्णय होगा। अभी भी कुछ राज्य ऐसे होंगे जहां एम्स नहीं है। इस संबंध में मैंने मुख्यमंत्री से परामर्श करने के बाद दूसरे एम्स की दिशा में प्रयास शुरु किया है। अब प्रश्न यह है कि छत्तीसगढ़ में दूसरा एम्स कहां होना चाहिए। रायपुर का एम्स रायपुर एवं दुर्ग दोनों संभाग के काम आ रहा है। इसके बाद तीन और संभाग बिलासपुर, सरगुजा एवं बस्तर संभाग बचते हैं। बिलासपुर संभाग से 24, सरगुजा संभाग से 14 एवं बस्तर संभाग से 12 विधायक आते हैं। ऐसे में दूसरा विकल्प बस्तर या बिलासपुर संभाग हो सकता था। बिलासपुर एवं सरगुजा इन दोनों संभाग को मिलाकर देखें तो आबादी 1 करोड़ से अधिक है। जहां तक रायपुर के एम्स की बात है तो यहां छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्य ओड़िशा, झारखंड, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के मरीज भी आते हैं। यही कारण है रायपुर एम्स में बिस्तरों की कमी हो रही है। इन सब को ध्यान में रखते हुए मैंने केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखा था। केन्द्र सरकार का जो बजट आया उसमें छत्तीसगढ़ को एक और एम्स देने जैसी कोई बात देखने को नहीं मिली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से केवल इतना ही जवाब आया कि आपका पत्र मिल गया है। जहां तक हमारी बात है तो बिलासपुर चिन्हांकित हुआ है। एक बार फिर बिलासपुर के लिए एम्स की मांग करेंगे।

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