भाजपा विधायकों का आरोप- पीडीएस सिस्टम में 1 हजार करोड़ का घोटाला…… हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी सदन की कार्यवाही

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज विपक्ष ने पीडीएस सिस्टम में भारी खामियां होने का आरोप लगाते हुए फिर से हंगामा मचाया। विपक्ष का आरोप था कि गरीबों को दिए जाने वाले चावल, शक्कर, गुड़ एवं नमक में करीब एक हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। विपक्ष ने इस पर स्थगन देते हुए चर्चा कराने की मांग की। स्थगन पर खाद्य मंत्री का जवाब भी आया। जवाब आने के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष ने स्थगन पर चर्चा की अनुमति से मना कर दिया जिसका विरोध करते हुए विपक्षी विधायक हंगामा मचाने लगे। उपाध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

शून्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी इस बात को स्वीकार किया था कि छत्तीसगढ़ का पीडीएस सिस्टम सबसे अच्छा है। ये पिछली सरकार के समय की बात थी। छत्तीसगढ़ में अब पीडीएस सिस्टम ऐसा हो गया है कि गरीबों का निवाला छिना जा रहा है। जांच में 13 हजार 301 दुकानों में गड़बड़ी पाई गई। 40 प्रतिशत दुकानों में गड़बड़ी पाए जाने की बात सामने आ चुकी है। अकेले चावल में ही 600 करोड़ का घोटाला हुआ है। वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि डॉ. साहब ने यहां चावल की बात की। शक्कर, चना, नमक एवं गुड़ का भी हिसाब सरकारी पोर्टल में नहीं है। बांटने से बची रह गई इन सभी खाद्य सामग्रियों का वितरण नहीं करते हुए भारी भष्टाचार किया गया है। स्टॉक वैरिफिकेशन नहीं करने के बदले में एक-एक राशन दुकान वाले से 10-10 लाख रुपये लिया जा रहा है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि किसी समय में छत्तीसगढ़ की सार्वजिनक वितरण प्रणाली पारदर्शी हुआ करती थी। हर दो माह में स्टॉक का वैरिफिकेशन हुआ करता था। 2022 में पोर्टल से इस व्यवस्था को हटा दिया गया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि खाद्य मंत्री ने इसी सदन में किस आधार पर दावे से यह कहा कि स्टॉक में जो भी गड़बड़ी पाई गई है उसकी 24 मार्च तक जांच करा लेंगे? इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कोई माई का लाल गरीबों के चावल को नहीं खा सकता।

वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में यह नियम था कि चावल उठान से लेकर दुकान में जाने तक और उसके बाद उपभोक्ताओं में वितरित करने तक मानिटरिंग हुआ करती थी। इस मानिटरिंग सिस्टम को पोर्टल से हटा दिया गया है। 88 हजार मिट्रिक टन चावल का कोई हिसाब नहीं है। गुड़ एवं शक्कर के हिसाब में भी भारी अंतर है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि खाद्य मंत्री ने पूर्व में कहा था कि स्टॉक में गड़बड़ी की 24 मार्च तक जांच करा लेंगे, तब तक तो विधानसभा का यह सत्र ही समाप्त हो जाएगा। जान-बूझकर यह तारीख तय करके रखी गई है। यह सुनियोजित भ्रष्टाचार है। इस तरह गरीबों का चावल-गुड़ नहीं खाया जाता। ये सरकार गरीबों का राशन भी नहीं छोड़ रही है। ऐसे गंभीर विषय में हमने स्थगन दिया है। सारे कामकाज रोककर इस पर चर्चा कराई  जाए।

13 भाजपा विधायकों की ओर से जो स्थगन प्रस्ताव दिया गया था उसे विधानसभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम ने पढ़ा और इस पर शासन का पक्ष जानना चाहा। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने शासन का पक्ष रखा। उपाध्यक्ष ने कहा कि शासन का पक्ष भी सामने आ चुका इसके बाद मैं स्थगन पर और चर्चा करने की अनुमति नहीं देता। उपाध्यक्ष के यह कहने पर भाजपा विधायक शोर मचाने लगे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 1 हजार करोड़ से ऊपर का भ्रष्टाचार हुआ है। उपाध्यक्ष ने कहा कि अब मैं ध्यानाकर्षण लूंगा। ध्यानाकर्षण पढ़ने के लिए उन्होंने नारायण चंदेल का नाम पुकारा। इधर, भाजपा नेताओं ने नारेबाजी शुरु कर दी। शोर शराबे के कारण उपाध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *