नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारियों का नया रायपुर में धरना प्रदर्शन… कहा- मांगें लटकी रहीं तो नहीं देंगे कांग्रेस को वोट

मिसाल न्यूज़

रायपुर।  तूता (नया रायपुर) स्थित धरना स्थल पर आज छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष संजय एड़े ने बताया कि महासंघ छत्तीसगढ़ के 14 नगर पालिक निगम, 43 नगर पालिका परिषद एवं 113 नगर पंचायतों कुल 172 नगरीय निकायों में कार्यरत समस्त 25,000 प्लेसमेंट कर्मचारियों का एकमात्र संगठन है और अपने प्लेसमेंट कर्मचारियों के हितार्थ ठेका प्रथा बंद करने व निकायों में समायोजन करने की मांग को लेकर विगत कई वर्षों से निरंतर संघर्षरत है। महासंघ ने गंगा जल लेकर कसम लिया है कि आचार संहिता से पहले मांगें पूरी नहीं हुई तो 25 हजार प्लेसमेंट कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देंगे। प्रशासन से आये प्रतिनिधि अधिकारी को महासंघ ने ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने का अनुरोध किया।

आंदोलनकारी प्लेसमेंट कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा संविदा कर्मचारी की 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई। स्वच्छता दीदी की 20 प्रतिशत तथा सामुदायिक संगठक की 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई। सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिए कुछ न कुछ लाभ दिया गया है किंतु नगरीय निकायों में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों की न तो आज तक लंबित मांगों को पूरा किया गया और न ही वर्तमान में वेतन वृद्धि की गई जिससे आक्रोश व्याप्त है।
वर्तमान में छ.ग. शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश जिसके तहत 4000 प्रतिमाह मासिक श्रम सम्मान राशि को भी छ.ग. के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा उक्त आदेश के पालन में निर्देश प्रसारित नही किए गए हैं। इससे नगरीय निकायों में कार्यरत समस्त प्लेसमेंट कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

प्रदेश अध्यक्ष संजय एड़े ने कहा कि महासंघ की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं :-1. समस्त नगरीय निकायों से प्लेसमेंट / ठेका प्रथा को बंद करते हुए प्लेसमेंट कर्मचारियों को नगरीय निकायों में स्थायी कर्मी बनाया जाये व सभी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जावे, 2. समस्त नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपये वेतन दिया जावे, 3. समस्त नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को सीधे कलेक्टर / श्रमायुक्त दर पर रखा जावे तथा 4. किसी भी प्लेसमेंट कर्मचारियों की छंटनी / नौकरी से पृथक न किया जावे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *