गरीबों को 4 लाख 25 हजार में दिया जा रहा मकान, हमारी सरकार आई तो 75 हजार में देंगे- राजेश मूणत

मिसाल न्यूज़

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री राजेश मूणत नेआरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार ने कॉलोनाइजरों और बिल्डरों से साठगांठ कर राज्य के गरीबों का आवास छीनने का षड़यंत्र किया है। गरीबों को जो मकान 75 हजार रुपये में दिया जाना था वह 4 लाख 25 हजार रुपये में दिया जा रहा है। हमारी सरकार बनेगी तो गरीबों को 75 हजार रुपये में मकान मिलेगा।

एकात्म परिसर में आज पत्रकार वार्ता में राजेश मूणत नेे कहा कि भाजपा शासनकाल में गरीब तबके के आवास के लिए कॉलोनाइजर को 15 प्रतिशत भूखंड छोड़ने होते थे। भूपेश बघेल सरकार ने उस नियम में संशोधन कर सारे अधिकार कॉलोनाइजर और बिल्डर को सौंप दिए हैं। अब यह बिल्डर तय करेंगे कि गरीबों को कितनी कीमत पर मकान देना है। गरीब विरोधी भूपेश बघेल सरकार ने शहरी गरीबों के आवास की प्रधानमंत्री आवास योजना का स्वरूप ही बदल दिया। अब गरीब हितग्राहियों से 4 लाख 75 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। जबकि इसमें 1 लाख 50 हजार रुपये केन्द्रांश, 2 लाख 50 हजार राज्यांश और हितग्राही से 75 हजार रुपये के अंश पर सहमति बनी थी।

मूणत ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि हर गरीब परिवार को पक्का मकान मिले। राज्य सरकार ने भी कहा कि यह आवास हम भी देंगे और उन्होंने भी घोषणा कर दी। घोषणा करने के बाद केंद्र का पैसा रख लिया और पॉलिसी ही बदल दी। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि शहरी क्षेत्र में दो कमरे का पक्का मकान देंगे। जिसके पास पट्टा नहीं उनको मकान देंगे। पट्टे के नाम पर लाखों लोग आज भी राजधानी में वंचित हैं। मैं तो कुछ लोगों का ही उदाहरण दे रहा हूं।जहां पर राजीव आवास योजना के पट्टे मिले हुए हैं, उनका नवीनीकरण नहीं किया गया। साथ ही फर्जी तरीके से नवीनीकरण लिख दिया गया। पहले वह पट्टा किसका था और अभी जो पट्टों का वितरण हुआ वह किसके नाम पर हुआ पता करने वाला विषय है। पहले सर्वे होता है। सर्वे में कौन से खसरे नंबर पर कौन व्यक्ति कहां पर स्थापित है, कितने साल से है, यह सब पता किया जाता है, जो कि ईमानदारी के साथ नहीं हुआ।

मूणत ने कहा कि मैंने आवास पर्यावरण मंत्री रहते हुए एक आदेश निकाला था- गरीबों के लिए 15 प्रतिशत भूखंड आरक्षण की सुविधा का। इसलिए कि भविष्य में लैंड की कमी होने के बाद इसका उपयोग शासन अपने हिसाब से तय करे। सैकड़ों एकड़ जमीन शासन के पास है। इस पर केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी क्षेत्र में आई। प्रदेश सरकार ने एक सर्वे किया। सर्वे करने के बाद भी बस्ती की कहां-कहां कौन-कौन सी जगह है, किस-किस बिल्डर की जगह है, वहां पर बीएसयूपी के मकान बनाकर गरीब परिवार को देना होता है। अब इस सरकार ने वह कानून वापस ले लिया और राजपत्र में प्रकाशित भी कर दिया। हमारे शासनकाल में जो योजना बनाई गई थी उसकी तारीफ तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री शहरी आवास मंत्री कुमारी सैलजा ने तारीफ की थी। कुमारी सैलजा ने इसको राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने कहा था।

पत्रकार वार्ता में भाजपा सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित थे।

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