मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने राजभाषा छत्तीसगढ़ी को स्कूली शिक्षा से जोड़ते हुए इसको बढ़ावा देने की वकालत की। स्कूली शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधायक तो सिर्फ छत्तीसगढ़ी की बात कर रहे हैं हमारा जोर तो छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ हल्बी, गोढ़ी एवं सादरी को भी स्कूलों में पढ़ाए जाने पर है।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद का सवाल था छत्तीसगढ़ की राजभाषा छत्तीसगढ़ी को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में कब तक शामिल कर लिया जाएगा? क्या छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर की डिग्री प्राप्त कर चुके छात्रों के रोजगार की व्यवस्था की जाएगी? स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की तरफ से जवाब आया कि राजभाषा छत्तीसगढ़ी को स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। शिक्षा सत्र 2020-21 में प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 तथा कक्षा 2) की पाठ्य पुस्तक व्दैभाषिक रूप में शामिल की गई है। कक्षा 3 से कक्षा 5 तक की हिन्दी भाषा की पाठ्य पुस्तकों में छत्तीसगढ़ी भाषा की 25 प्रतिशत पाठ्य सामग्री शामिल की गई है। कक्षा 6 से 8 तक की हिन्दी भाषा की पाठ्य पुस्तकों में छत्तीसगढ़ी भाषा की 30 प्रतिशत पाठ्य सामग्री शामिल की गई है। इसी तरह कक्षा 9 से 10 तक की हिन्दी भाषा की पाठ्य पुस्तकों में भी छत्तीसगढ़ी भाषा की 15 प्रतिशत पाठ्य सामग्री शामिल की गई है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी भाषा हेतु सेटअप में व्याख्याता का पद स्वीकृत नहीं है।
निषाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका अपना अलग व्याकरण है। इसका अपना साहित्य का भंडार है। छत्तीसगढ़ी के हाना एवं जनऊला का अपना अलग आनंद है। 2007 में इसी विधानसभा से छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा देने तथा आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव गया था। 2023 से स्कूलों में छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई भी शुरु हो गई है। क्या स्कूली शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ी पढ़ाने वालों की अलग से भर्ती की घोषणा करेंगे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी की अपनी कोई लिपि नहीं है। विधायक तो केवल छत्तीसगढ़ी की बात कर रहे हैं हमारा तो यह प्रयास है कि न सिर्फ छत्तीसगढ़ी बल्कि हल्बी, गोढ़ी एवं सादरी भी पढ़ाया जाए। सवाल यह है कि पिछली सरकार में अंग्रेजी माध्यम वाली स्वामी आत्मानंद स्कूलें खोली गईं तब छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई पर जोर क्यों नहीं दिया गया। सरकार जल्द 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, जिससे अधिक से अधिक छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई हो सकेगी।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ी आठवीं अनुसूची से नहीं जुड़ेगी दूसरे प्रदेशों में इसे मान्यता नहीं मिलेगी।