मिसाल न्यूज़
रायपुर। गोमर्डा अभ्यारण्य में ग्रामीणों व्दारा अवैध रूप से बिछाकर रखे गए बिजली तार की चपेट में आकर बाघ की मौत हो जाने का मामला आज विधानसभा में उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि इस घटना से पूरे देश में छत्तीसगढ़ की छवि धूमिल हुई है।
ध्यानाकर्षण के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि वन विभाग के अफसरों एवं कर्मचारियों की घोर लापरवाही के चलते गोमर्डा अभ्यारण्य की सीमा में युवा बाघ को जनवरी 2024 में ग्रामीणों व्दारा मार दिया गया। राज्य में करेंट से बाघ को मारने की यह पहली घटना है। पूरे प्रदेश में अन्य प्रजाति के वन्य जीव भी करेंट से प्रति दिन मारे जा रहे हैं। अवैध रूप से हुकिंग करके कवर विहीन तारों को फैलाकर वन्य जीवों का शिकार निरंतर किया जा रहा है। बाघ वाली घटना से पूरे देश में राज्य की छवि धूमिल हुई है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि नवंबर के अंत में यह बाघ गोमर्डा अभ्यारण्य आया था। जनवरी में इसका दिखना बंद हो गया। 19 जनवरी को मुखबिर के माध्यम से पता चला कि तार में फंसकर कोई बड़ा जीव मारा गया है। इस घटना की जांच करवाई गई। यह बाघ ओडिशा की तरफ से आया था। यह उसका क्षेत्र नहीं था। जंगली सुअर व खरगोश को पकड़ने के लिए तार बिछाकर रखा गया था, जिसकी चपेट में बाघ आ गया। इस मामले में दोषी 9 लोगों को पकड़ा गया है। डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि जिस बाघ की मौत हुई उसे नदी के किनारे ले जाकर डाल दिया गया था। उस पर नमक डाल दिया गया था जिससे शरीर गल गया। 10 ग्रामीणों की गिरफ्तारी तो कर दी गई लेकिन वन विभाग के एक भी अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हुई। क्या इस घटना की विधायक दल की जांच समिति से जांच कराएंगे? केदार कश्यप ने कहा कि बाघ के शव के पोस्टमार्टम के लिए 4 डॉक्टरों की समिति बनी है। 60 दिनों तक जांच चलेगी। एक बीड गॉर्ड को निलंबित किया गया है। अलग से जांच समिति की आवश्यकता नहीं है।
भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि अचानकमार रिजर्व में भी इस तरह की घटना हो चुकी है। अवैध हुकिंग की चपेट में कई बार इंसान भी आ चुके हैं। पेट्रोलिंग नहीं होने के कारण यह सब होता है। बीट गार्ड ही क्यों, ऊपर के अधिकारी को क्यों निलंबित नहीं किया जाता?