■ अनिरुद्ध दुबे
राजधानी रायपुर में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज बहुत बड़ी बात कह गए। उन्होंने कहा कि “नक्सलियों के साथ जो पराया व्यवहार होते रहा है उससे नक्सली घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा। मेरी एक ऐसे पुलिस वाले से मुलाक़ात हुई जो अपने थाने को नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र घोषित करवाने में लगा हुआ था, जिससे कि उसके थाने का भत्ता बढ़ जाए।“ अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि “ऐसे भी लोग हैं जो व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।“ अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का यह मंतव्य सामने आने के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर से जुड़ी कुछ यादें ताज़ा हो जाती हैं। छत्तीसगढ़ में जब भाजपा सरकार का दूसरा कार्यकाल (2008-2013) था आर्ट ऑफ लिविंग गुरु श्री श्री रविशंकर का रायपुर आना हुआ था। तब साइंस कॉलेज़ के मैदान में उन्होंने एक बड़े आयोजन में उपस्थित जन समुदाय के बीच कहा था कि “नक्सली भटके हुए भाई हैं। यदि छत्तीसगढ़ की सरकार चाहे तो उनसे बात करने के लिए वे (श्री श्री) आगे बढ़ सकते हैं।“ उस समय अनुमान यही लगाया जाता रहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की ओर से श्री श्री रविशंकर से अनुरोध हुआ रहा होगा कि क्या नक्सलियों से बातचीत के माध्यम से रास्ता निकाला जा सकता है। केन्द्र में जब डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार थी तब तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के मन में भी विचार आया था कि क्या बातचीत के रास्ते नक्सलवाद का समाधान निकल सकता है। इस काम के लिए चिदम्बरम ने स्वामी अग्निवेश को आगे किया था। स्वामी अग्निवेश की ओर से प्रयास शुरु हो भी गए थे कि नागपुर में सदिग्ध परिस्थितियों में नक्सली नेता आजाद की मौत हो गई। इस तरह बातचीत के प्रयासों पर पानी फिर गया। 2018 में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनी। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि “नक्सली भारत के संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए यदि बातचीत के लिए आगे आते हैं तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं।“ तब भी दोनों तरफ से बातचीत की कोई स्थिति नहीं बन पाई। अब नई सरकार के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा व्दारा हाल ही में कहा गया था कि “मोबाइल या अन्य किसी वर्चुअल माध्यम से नक्सलियों से बातचीत की स्थिति बनती है तो इसके लिए तैयार हैं।“ इस पर नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने पत्र जारी कर कहा है कि चर्चा के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।
गुरुवार और नक्सलवाद
बीते 15 फरवरी गुरुवार को मानो नक्सलवाद से जुड़ी ख़बरों का बहाव था। गुरुवार की दोपहर नक्सलियों ने बीजापुर जिले के गुड़ेम में निर्माणाधीन पुलिस कैंप पर हमला बोल दिया। पुलिस की ओर से ज़वाबी कार्रवाई हुई तो नक्सली भाग खड़े हुए। जवानों ने गुड़ेम में मौजूद नक्सलियों के 15 फुट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त कर दिया। वहीं बस्तर के जगरगुंडा में सूरक्षा बलों ने सर्चिंग के दौरान दो नक्सली मंगलू पुनेम व मंगू पूनेम को गिरफ्तार किया। फिर यह ख़बर आई कि बीजापुर जिले के जांगला थाना अंतर्गत पुलिस आठ नक्सलियों को गिरफ्तार करने में क़ामयाब रही। इनमें से 5 पांच पुरुष एवं 3 महिला नक्सली हैं। ये सभी नक्सलवाद से जुड़े आयोजन भूमकाल दिवस मनाकर लौट रहे थे। सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र में दो नक्सली दिनेश उर्फ जोगा करको व माड़वी हुंगा ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में आत्मसमर्पण किया। नक्सलियों पर नकेल कसने महाराष्ट्र की सीमा से लगे बाग नदी के पास स्थित गांव कोठीटोला में नया बेस कैंप खोला गया। ये सभी घटनाक्रम गुरुवार के थे। फिर गुरुवार को ही विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की कि “नक्सलवाद को विकास के रास्ते ख़त्म करने नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना लाई जा रही है। यह योजना बस्तर में 14 पुलिस कैंप के आसपास गांव में लागू की जाएगी।“
अगला बजट सत्र
नया रायपुर में
छत्तीसगढ़ विधानसभा का इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। संभावना यही है कि 29 फरवरी तक बजट सत्र का समापन हो जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई नवीन विधानसभा निर्माण संबंधी समिति की बैठक में निर्णय हुआ है कि अगला बजट सत्र नया रायपुर के नये विधानसभा भवन में होगा। नये विधानसभा भवन का निर्माण तेजी से हो रहा है, वहीं नया रायपुर में मुख्यमंत्री निवास का निर्माण पूर्णता की ओर है। राजभवन से लेकर अन्य मंत्रियों के निवास का निर्माण भी तेजी पर है। माना यही जा रहा है कि 2025 में सरकार पूरी तरह नया रायपुर से संचालित होती नज़र आएगी। वीआईपी लोगों से जुड़े सारे काम तो तेजी से हो रहे हैं, लेकिन नया रायपुर आम आदमी की पहुंच से अब भी काफ़ी दूर है। नया रायपुर में चार रेल्वे स्टेशन जो बन रहे हैं वह कब तक पूरे होंगे इसकी समय सीमा कोई नहीं बता पा रहा। कुछ बसें नया रायपुर की तरफ जाती हैं लेकिन सवाल टाइमिंग का है। दूर से आया कोई आदमी मंत्रालय जाने के लिए पुराने रायपुर में ऑटो वाले से बात करे तो 800 से 1000 तक मांगा जाता है। अभी तक की स्थिति में नया रायपुर में वीआईपी लोगों, आला अफ़सरों एवं धन्ना सेठों की ही पहुंच आसान है। बाक़ी आम आदमी के लिए तो यह ‘मुर्दा शहर’ जैसा ही है।
सराहे गए मोहन
मंडावी व चातुरी नंद
कांकेर सांसद मोहन मंडावी एवं सरायपाली विधायक श्रीमती चातुरी नंद को हाल ही में काफ़ी सराहना मिली। लोकसभा का बजट सत्र निपट गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है। मोहन मंडावी को लोकसभा में शत प्रतिशत उपस्थिति के कारण सराहना मिली। पूरे देश की बात करें तो दो ही सांसद ऐसे रहे जिनकी सदन में शत प्रतिशत उपस्थिति रही। मोहन मंडावी एवं अजमेर (राजस्थान) के सांसद भागीरथ चौधरी। यह भी संयोग रहा था कि लोकसभा में दोनों के बैठने की व्यवस्था अगल-बगल थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन के भीतर प्रश्नकाल के दौरान चातुरी नंद की सराहना की। दरअसल चातुरी नंद ने पुलिस कर्मियों से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रश्न लगाया था। जब प्रश्न पूछने की बारी आई तो चातुरी नंद ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। विजय शर्मा ने भी पूरे सम्मान के साथ श्रीमती नंद के हर सवालों का ज़वाब दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने पूरी उदारता के साथ श्रीमती नंद को प्रश्न करने का अवसर दिया। जब पूरे प्रश्न हो गए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि “श्रीमती चातुरी नंद पहली बार चुनाव जीतकर इस सदन में आई हैं। जिस विव्दता के साथ उन्होंने अपनी बात रखी इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। ऐसे सदस्यों की मौजूदगी से सदन की मर्यादा बढ़ेगी। मान बढ़ेगा।“
फिर से गोली कांड,
वीआईपी रोड पर
एक और बदनुमा दाग़
राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड पर एक बार फिर बदनामी का दाग़ लग गया। एक रेस्टॉरेंट के बाहर दो युवक जो पहले कभी दोस्त हुआ करते थे आपस में भिड़ गए। एक युवक के साथ रहे लोगों ने जहां दूसरे युवक की कार में तोड़फोड़ कर दी वहीं दूसरे युवक ने पिस्टल निकालकर हवाई फायर कर दिया, जिससे वीआईपी रोड पर ज़बरदस्त दहशत फैल गई। दोनों युवकों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। विधानसभा में वरिष्ठ भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने गोलीकांड वाली इस घटना को ज़ोरों से उठाया। कौशिक ने सदन में कहा कि “वीआईपी रोड में निर्धारित समय को पार कर बार एवं क्लब खुले रहते हैं। शराब के नशे में लड़के लड़कियां नाचते झुमते रहते हैं। बिलासपुर शहर का माहौल भी कुछ इसी तरह का होता जा रहा है।“ इस तरह वीआईपी रोड में हुए गोलीकांड की सड़क से लेकर सदन तक में चर्चा हो गई। साथ ही लोग वीआईपी रोड के क्वीन्स कल्ब के बाहर कोरोना काल में हुई उस घटना को भी याद कर रहे हैं जब युवक-युवतियों के दो समूह आपस में भिड़ गए थे और गोली चल गई थी। यह तब हुआ था जब कोरोना काल में सख़्त लॉकडाउन लगा हुआ था और लोगों को जहां सुबह के बाद दूध भी उपलब्ध नहीं हो पाता था वहीं रात में वीआईपी रोड में दारू बहा करती थी। वो तो कुछ गिने-चुने मामले होते हैं जो पुलिस या मीडिया तक पहुंचते हैं। बाक़ी तेज म्यूज़िक के बीच शराब के नशे में नाचते-झुमते लड़के लड़कियों के समूह के बीच मारपीट की घटनाएं आम हैं। कहीं-कहीं पर वन डे का लाइसेंस लेकर पूरी रात बड़ी कीमत पर शराब पेश की जाती है। नाच-गाने वाले अड्डों पर बाउंसर रखे गए हैं। मालिकों की कोशिश यही रहती है कि मारपीट के मामले बाउंसर अपने स्तर पर ही निपटा लें और बात पुलिस या मीडिया तक नहीं जाए।