मिसाल न्यूज़
रायपुर। रायपुर प्रेस क्लब में पांच साल बाद 17 फरवरी को चुनाव संपन्न हुआ और आज नये पदाधिकारियों ने पूर्व प्रेस अध्यक्षों व वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्थिति में शपथ ली। वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, महासचिव डॉ वैभव शिव पांडे, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव सुश्री तृप्ति सोनी व बम्लेश्वर (अरविंद) सोनवानी को शपथ दिलवाई। इस दौरान वरिष्ठजनों ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का अनुभव साझा किया। शपथ ग्रहण समारोह में सीनियरों को ओर से सूझाव आया कि प्रेस क्लब पदाधिकारियों का कार्यकाल एक नहीं दो साल का होना चाहिए। इसके लिए जल्द सामान्य सभा बुलाकर दो तिहाई बहुमत के साथ बॉयलॉज में संशोधन करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने कहा कि इस बात से मैं आनंदित हूं कि एक बार फिर से प्रेस क्लब में वरिष्ठजनों का आना शुरु हुआ है। जब मैं पत्रकारिता की शुरुआत किया था तब गिनती के 8-10 लोग ही प्रेस क्लब में आया करते थे और पत्रकार वार्ता अटेंड कर चले जाते थे। मैंने अपने पत्रकारिता जीवन में दो बार कर्फ्यू लगते हुए देखा। उस दौरान कुछ पत्रकार तो डंडा भी खाए थे। पत्रकारिता करते समय हमें यह नहीं देखना चाहिए कि सरकार किसकी है। अभी जो पत्रकारिता हो रही है वह समझ से परे है। जब हम पत्रकारिता करते थे तो सरकार में बैठे लोग डरते थे कि आज उनके खिलाफ कहीं खबर तो प्रकाशित या प्रसारित न हो जाए। जब हमारा छत्तीसगढ़ नहीं बना था और हम मध्यप्रदेश के हिस्सा थे उस समय किसी बात को लेकर पत्रकारों और सरकार के कुछ नुमाइंदों के साथ कहासुनी हो गई। रायपुर प्रेस क्लब के नेतृत्व में रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने राज्य सरकार की खबरों को अपने मीडिया संस्थान में छापने से मना कर दिया था और इसका अखबार के मैनेजमेंट और मालिकों ने पूरा समर्थन किया था। इस बात की जानकारी जैसे ही कलेक्टर और कमिश्नर को हुई वे रायपुर प्रेस क्लब आए और माफी मांगे। मैं युवा पत्रकारों खासकर महिला पत्रकारों से कहना चाहता हूं कि उस समय गिनी-चुनी ही महिला पत्रकार हुआ करती थीं। आज जब आप लोगों की संख्या ज़्यादा हो गई है तो गर्व होता है। जब भी वे काव्हरेज करने जाएं तो जरुर सोचें कि हमारे समाज पर इसका क्या असर होगा। अगर राज्य सरकार अच्छा कर रही है तो उसकी तरीफ जरुर करें लेकिन उसके दूसरे पहलुओं पर भी नजर जरुर रखें और उसे भी दिखाएं और पढ़ाएं। एकतरफा रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार केके शर्मा ने कहा कि हनुमान जी को भी छोटा रूप लेकर बड़े-बड़े कार्य करना पड़ा वैसे ही हमारे पत्रकारों को भी करना पड़ रहा है। रायपुर प्रेस क्लब पूरे छत्तीसगढ़ का नेतृत्व करता है और राज्य के सभी प्रेस क्लब के अध्यक्षों को मिलकर एक मजबूत टीम बनाकर कार्य करना चाहिए। त्रिराज साहू ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर में जो भी सेलिब्रिटी यहां आते हैं उन्हें एक बार जरुर प्रेस क्लब बुलाना चाहिए। युवा पत्रकार देखें और सीखें कि वरिष्ठजन कैसे सवाल करते हैं और उनसे चर्चा करते है। हमारे समय में जो भी सेलीब्रिटी रायपुर आते थे उन्हें रायपुर प्रेस क्लब में आना जरुरी होता था। इस दौरान जो युवा पत्रकार यहां आते थे उन्हें सिखाया जाता था कि उनसे कैसे बातचीत की जाती है और कैसे सवाल करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार उमेश मिश्रा ने कहा कि यहां पर 23 साल से लेकर 73 साल के पत्रकार मौजूद हैं। यह हमारे रायपुर प्रेस क्लब के लिए ऐतिहासिक क्षण है और पत्रकारों की यह एकता मीडिया को बुलंदी पर ले जाएगी। यह उपस्थिति बता रही हैं कि अब मीडिया की ताकत मजबूत हुई है। हमें इस मजबूती को टूटने नहीं देना। वरिष्ठ पत्रकार राजेश जोशी ने कहा कि रायपुर प्रेस क्लब का इतिहास काफी पुराना रहा है और वे नये पदाधिकारियों से यह उम्मीद करते हैं कि वे अच्छे कार्य करेंगे तो सदस्यगण दोबारा उन्हें जरुर चुनेंगे। वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पत्रकार वार्ता क्या होती है यह हमने अपने वरिष्ठजनों से सीखा। जब कोई वरिष्ठजन पत्रकार वार्ता में बैठते थे तो हमारी हिम्मत नहीं होती थी कि हम वहां जाकर बैठ जाएं। नये पदाधिकारियों से मैं यह कहना चाहूंगा कि पुरानी परंपराओं को फिर से शुरु करते हुए बौद्धिक गतिविधियों को फिर से चालू किया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार आसिफ इकबाल ने कहा कि रायपुर प्रेस क्लब हमारा परिवार है। आज कल लोग कहते हैं कि 73 की उम्र हो गई है और अब भी पत्रकारिता कर रहे हैं यह सुनकर मुझे अच्छा लगता। युवा पीड़ी हमें इस बहाने याद तो करती है और मुझे रायपुर प्रेस क्लब अपना परिवार लगता है। निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि एक साल का कार्यकाल बहुत कम होता है और इसे दो साल किया जाना चाहिए, क्योंकि तीन-चार महीने तो प्रेस क्लब की पुरानी गतिविधियों को समझने में ही लग जाता है। उन्होंने कहा कि इस बात का दुख हुआ कि पूर्व के लोगों ने वरिष्ठजनों की नाम पट्टिका को कुड़े में डाल दिया। यह हमारे दिवंगतों और वरिष्ठ पत्रकारों का अपमान है। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार बृजेश चौबे ने कहा कि दुख तब लगता है जब कुछ लोग यह कहते हैं कि यह काम मेरे कार्यकाल में हुआ और इसे मैंने कराया। वह यह नहीं कहते हैं कि हमने रायपुर प्रेस क्लब की जरुरतों और हितों को ध्यान में रखकर कार्य किया है। नये पदाधिकारियों से यह उम्मीद है कि वे इन सब बातों की ओर ध्यान देंगे और रायपुर प्रेस क्लब को अपना परिवार समझकर कार्य करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार रामावतार तिवारी ने नवनिर्वाचित टीम को बधाई देते हुए कहा कि पूरी टीम अच्छा काम करे। पूरे प्रदेश में ऐसा संदेश जाना चाहिए कि बाहर के पत्रकार भी यहां आकर देखें और सीखें। राजनीति में किया गया काम हो गया समाज में अगर अच्छे कार्य करोगे तो लोग उसे हमेशा याद करते हैं। पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष दामू आम्बेडारे ने कहा कि अच्छे काम का अच्छा नतीजा आना चाहिए।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने कहा कि नंदकिशोर शुक्ला हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। वरिष्ठ पत्रकारों के सामने सामने मैं राज्य सरकार की ओर से कह कहना चाहता हूं कि पत्रकारों को अब अभिव्यक्ति की आजादी का खतरा नहीं उठाना पड़ेगा।
रायपुर प्रेस क्लब की टीम ने रायपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्षों को स्मृति चिन्ह के रुप में पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन रजनी ठाकुर ने किया।