मिसाल न्यूज़
रायपुर। बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर में हुई आगजनी की घटना का मामला आज विधानसभा में जमकर गूंजा। विपक्षी कांग्रेस विधायक दल ने इस हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विधानसभा के मानसून सत्र के आज पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने बलौदाबाजार घटना पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए इस चर्चा कराने की मांग की। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि स्थगन स्वीकार करने योग्य नहीं है। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग के जांच का दायरा काफ़ी विस्तृत होता है। हाईकोर्ट के जस्टिस की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। कंडिका 7 में स्पष्ट है कि सदन में ऐसे मामलों पर चर्चा नहीं हो सकती, जो अदालत में लंबित हैं। कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि झीरम घाटी नक्सली हमला एवं नसबंदी कांड पर न्यायिक जांच समिति गठित की गई थी, लेकिन उस पर सदन में चर्चा हुई थी। धरमलाल कौशिक समेत अन्य भाजपा विधायकों ने भी विपक्ष व्दारा लाए गए स्थगन पर आपत्ति की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अभी मैं विषय की ग्राह्यता पर सदस्यों के विचार सुन रहा हूं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अध्यक्ष की अनुमति से ऐसे विषय पर चर्चा की अनुमति दिए जाने का नियम पढ़कर सुनाया। बघेल अपनी बात रख ही रहे थे कि सत्ता पक्ष की तरफ से शोर शराबा होने लगा। जवाब में विपक्ष की ओर से नारेबाजी शुरु हो गई। शोरगुल थमने के बाद बघेल ने आरोप लगाया कि बलौदाबाजार की घटना के पीछे एक बड़ा षड़यंत्र है। सरकार पर बड़ा दाग लग चुका है। प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर एवं एसपी की भूमिका संदिग्ध रही। पुलिस दुर्भावनापूर्वक काम कर रही है। भाजपा विधायक मोतीलाल साहू के भतीजे को इसलिए पीटा गया क्योंकि वह सफेद कपड़ा पहना हुआ था। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि शैलेंद्र बंजारे नाम के युवा को पुलिस उठाकर ले गई। वास्तविकता यह है कि वह घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं था। पुलिस दीपक मिरी के घर पहुंची जो कि तीन महीने पहले मर चुका था। कांग्रेस विधायक कविता प्राणलहरे ने कहा कि बलौदाबाजार में आंदोलन के दौरान हजारों की भीड़ थी जबकि व्यवस्था में पाँच सौ पुलिस वाले भी नहीं थे। कांग्रेस विधायक अनिल भेड़िया ने कहा कि बेगुनाह लोगों को मुजरिम बनाकर जेल भेजा जा रहा है।
नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आस्था पर चोट पहुंचाने का काम किया गया है। यह समरसता और भाईचारे को खत्म करने का षडयंत्र है। शांति भंग हुई है। समाज को बांटने का काम हुआ है। विभिन्न संगठनों से जुड़े 168 लोग अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आखिर वो कौन लोग हैं जो छत्तीसगढ़ की सद्भावना को मिटाना चाहते हैं। कवासी लखमा ने कहा कलेक्टर ऑफिस जला दिया गया। कलेक्टर-एसपी इस घटना के जिम्मेदार हैं। साय सरकार ने इन दोनों को निलंबित कर दिया। इन लोगों को जेल भेज देना चाहिए। कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि अंग्रेजों के राज में जिस तरह पुलिस काम करती थी वैसा ही कुछ अभी दिखाई दे रहा है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह कहना गलत कि अमरगुफा घटना पर करवाई नहीं हुई। यह भी कहना गलत कि ज्ञापन लेने अधिकारी मौजूद नहीं थे। इस घटना में 40 पुलिस कर्मी घायल हुए और 14 केस दर्ज हुए हैं। गृहमंत्री का वक्तव्य सामने आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष व्दारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होते ही विपक्षी कांग्रेस विधायक नारेबाजी करने लगे।
लगातार हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने फिर से सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरफ से हंगामा होने लगा। सारे कांग्रेस विधायक अध्यक्ष गर्भ गृह में जाकर नारेबाजी करने लगे और सदन से स्वमेव निलंबित हो गए। हंगामा नहीं थमते देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।