मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री (संगठन) चंद्रशेखर शुक्ला ने केन्द्रीय मंत्रियों के लगातार हो रहे छत्तीसगढ़ दौरे पर कई सवाल खड़े किए हैं।
राजीव भवन में आज प्रेस कांफ्रेंस में खनिज विकास निगम अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा खोई हुई जमीन तलाशने भटक रही है। केन्द्रीय मंत्रियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के टूटे हुये मनोबल को बढ़ाने झूठ और अनर्गल बयान देने को ही अपना कर्तव्य समझ लिया है। बेहतर होता कि केंद्र के मंत्री यहां आने के बाद बताते कि अपने विभाग की क्या योजनाएं लेकर आए हैं। सिर्फ अधिकारियों से मीटिंग करने और राज्य सरकार को कोसने से राज्य के विकास में उनकी सहभागिता नहीं हो जायेगी। 10 आकांक्षी जिलों के विकास कार्यों की प्रगति की बात वे कर रहे हैं लेकिन इन आकांक्षी जिलों को आपके आने से क्या अतिरिक्त सहायता मिलेगी यह जवाब उनकी तरफ से आना चाहिए। वर्ष 2020 के बाद से आकांक्षी जिलों को जारी होने वाली 51 करोड़ से अधिक राशि अभी तक जारी ही नहीं की गई। अभी तक 5 केंद्रीय मंत्रियों का छत्तीसगढ़ दौरा हो चुका है लेकिन इन मंत्रियों के दौरे से राज्य को कोई फायदा नहीं हुआ। राज्य में केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आये। राज्य में विमान सुविधा बढ़ाने के लिये आवश्यक है कि रायपुर एयरपोर्ट का संचालन 24 घंटे सातों दिनों हो। रायपुर में कार्गो हब बनाया जाये। नाईट पार्किंग की सुविधा को रायपुर एयरपोर्ट पर चालू किया जाए। जगदलपुर-विशाखापट्नम नागपुर के लिए फ्लाइट शुरू हो। बिलासपुर को कोलकाता-मुंबई-हैदराबाद से कनेक्टिविटी चाहिए। अंबिकापुर और रायगढ़ में राष्ट्रीय हवाई सेवा शुरू हो। छत्तीसगढ़ को जयपुर, पटना, अहमदाबाद और रांची के लिए उड़ानें चाहिए। बिलासपुर एयरपोर्ट का विस्तार किए जााने की ज़रूरत है। दुर्भाग्य से सिंधिया जी ने खूब भाषण दिया लेकिन अपने विभाग से संबंधित छत्तीसगढ़ के लिये इन जरूरी सुविधाओं पर कुछ नहीं कहा। राज्य में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी आये, उन्होंने महंगाई पेट्रोल-डीजल के दामों, गैस के दामों पर कमी के बारे में कुछ नहीं कहा। सवाल पूछने पर झुंझला जरूर गये। राज्य में लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा भी आये। उन्होनें भी अपने विभाग से संबंधित न कोई योजना छत्तीसगढ़ के लिये बताया और उसकी चर्चा किया। राज्य के धान से एथेनॉल का प्लांट लगाने की अनुमति, फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने तथा उद्योगों के कोयला संकट का कोई गंभीर निराकरण उनके पास नहीं था। संचार मंत्री देवू सिंह चौहान राज्य में मोबाईल टावर लगाने के लिये सिर्फ बयान दिया लेकिन कोई कार्य योजना नहीं बताए। राज्य में जलवायु परिवर्तन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री अश्वनी कुमार चौबे भी आये लेकिन उनके आने का भी कोई लाभ राज्य को नहीं मिला।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कल केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि केन्द्र ने छत्तीसगढ़ को तीन साल में एक लाख करोड़ रू. दिया। संघीय ढांचे में हर राज्य को उसकी जनसंख्या आबादी और कर संग्रहण के अनुपात में केंद्रीय सहायता मिलती है। केंद्र ने छत्तीसगढ़ को तीन साल में जो राशि दी है वह कोई अहसान नहीं है। सिंधिया इस बात का जवाब दें कि राज्य के केंद्र द्वारा रोके गये 55121 करोड़ रू. केंद्र कब देगी? राज्य बकाया राशि देने की बात करता है तब आप तीन साल का आंकड़ा बताकर प्रदेश की जनता पर अहसान जता रहे हैं। सिंधिया दावा कर रहे राज्य को तीन साल में 1 लाख करोड़ मिला। जब देश में यूपीए की कांग्रेस की सरकार थी तब यूपीए सरकार के आखिरी के तीन साल के आंकड़ों को देखें तो तत्कालीन सरकार ने राज्य की रमन सरकार को लगभग 1 लाख 72 हजार करोड़ रू. दिया था। यह 2011-12, 2012-13, 2013-14 के आंकड़े हैं। केन्द्र द्वारा इस कटौती का बड़ा कारण है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यांश बढ़ा दिया गया, कोयले की रायल्टी को घटा दिया गया। यह राज्य का हक था। हमारी सरकार थी तब भी मिला आपकी सरकार है तब भी मिलेगा। जब कांग्रेस की सरकार थी तब तो देश में जीएसटी भी लागू नहीं था। राज्यों का कर संग्रहण अधिक था। जीएसटी मोदी सरकार ने लागू किया वायदा किया था। राज्यों को होने वाली कर हानि की क्षतिपूर्ति केन्द्र करेगा। आपका दावा है तीन साल में एक लाख करोड़ देने का हमारा दावा है। तीन साल में 172000 करोड़ मिला। किसके शासनकाल में कितनी सहायता हुई स्पष्ट है। हम यह तो बोल ही नहीं रहें कि केन्द्र सहायता नहीं कर रहा हम तो यह मांग रहे कि हमारे हिस्से की आंबंटित राशि जो केन्द्र रोके बैठा है उसको जारी किया जाये। यह राशि 55000 करोड़ की है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार लगातार केन्द्रांश में कटौती कर रही है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत केंद्र सरकार 85 प्रतिशत खर्च करती थी अब मात्र 60 प्रतिशत कर रही है। 25 प्रतिशत कटौती की गयी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 100 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार वहन करती थी अब मात्र 60 प्रतिशत कर रही। 40 प्रतिशत कटौती की गयी। मनरेगा में पहले 90 प्रतिशत केंद्र खर्च करती अब 75 प्रतिशत खर्च कर रही। 15 प्रतिशत कटौती की गयी। इंदिरा आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले 75 प्रतिशत राशि केंद्र देती थी अब 60 प्रतिशत दे रही है। 15 प्रतिशत कटौती हुई। राजीव आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले 70 प्रतिशत राशि केंद्र से मिलता था अब 60 प्रतिशत है। 10 प्रतिशत कटौती हुआ। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 75 प्रतिशत अब 60 प्रतिशत मिलेगा। 15 प्रतिशत कटौती की गयी। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में पहले 70 प्रतिशत अब 60 प्रतिशत। 10 प्रतिशत कटौती की गयी। सर्व शिक्षा अभियान 65 प्रतिशत मिलता था अब 60 प्रतिशत मिलेगा। 5 प्रतिशत कटौती की गयी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में पहले 75 प्रतिशत मिलता था अब 60 प्रतिशत।15 प्रतिशत कटौती हुआ। एकत्रित बाल विकास योजना में पहले 85 प्रतिशत मिलता था अब 60 प्रतिशत मिलेगा। 25 प्रतिशत कटौती किया। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम जल जीवन मिशन में पहले 75 प्रतिशत मिलता था अब 50 प्रतिशत ही मिलेगा। 25 प्रतिशत कटौती हुआ। केन्द्र सरकार राज्य सरकार को पर्याप्त मदद नही कर रही बल्कि जीतनी राशि केन्द्र के द्वारा राज्य को दिया जा रहा है। केन्द्र दूसरी ओर से अपनी योजना के अंशदान में कटौती कर राज्य सरकार के ऊपर भार बढ़ा रही है।
प्रेस कांफ्रेंस में प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, प्रकाश मणी वैष्णव, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।