मुख्यमंत्री की अपील से प्रेरणाः होटल एवं रेस्टोरेन्ट मालिक मजदूर दिवस पर कर्मचारियों को खिलाएंगे बोरे-बासी

मिसाल न्यूज़

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर 01 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर अपने आहार और संस्कृति के गौरव की अनुभूति के लिए देश-विदेश के कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़ के लोग बोरे-बासी खाकर श्रम का सम्मान करेंगे।

मुख्यमंत्री की अपील पर छत्तीसगढ़ के सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और युवा पीढ़ी भी बोरे-बासी खाकर देश दुनिया में अपने खानपान अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और गर्व की अभिव्यक्ति करेंगे, इसके साथ ही सोशल मीडिया पर हैश टैग #LabourDay2022 , #बोरे-बासी, #borebasi, #cgmodel के माध्यम से अपनी फोटो-वीडियो शेयर करेंगे। मुख्यमंत्री की अपील पर छत्तीसगढ़ होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बधाई देते हुए कहा है कि “आगामी 01 मई मजदूर दिवस पर हमारे संस्थान में कार्यरत कर्मचारी जिनकी मेहनत एवं कर्तव्य निष्ठा से हमारे व्यापार को मजबूती मिलती है उनके सम्मान के लिए और उनके परिजनों व साथियों के लिए बोरे-बासी व्यंजन की व्यवस्था करेंगें। स्थानीय खान-पान को छत्तीसगढ़िया सम्मान के साथ जोड़कर आपने हमारी संस्कृति, विरासत और परंपरा को संजोने का अद्भुत कार्य किया है। मुख्यमंत्री आपने कहा था कि हर श्रमिक, किसान और काम करने वाली बहनों के पसीने में बासी की महक है। यह वास्तव में आपकी संवेदना और आपके मन में श्रमिकों के सम्मान को दर्शाता है। इसके लिए हम आपके हृदय से आभारी हैं।”

बोरे-बासी की विशेषता-

बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर टमाटर की चटनी या अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्रायः सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है।

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