बहुत सी ख़ूबियां जुड़ी हैं ‘भूलन‘ के साथ- अणिमा पगारे

मिसाल न्यूज़

जानी-मानी थियेटर कलाकार अणिमा पगारे ‘भूलन द मेज़’ में  ग्रामीण महिला के चुनौतीपूर्ण किरदार में नज़र आएंगी। इसमें इन्होंने मशहूर अभिनेता ओंकारदास मानिकपुरी की पत्नी प्रेमिन का रोल किया है।

‘भूलन द मेज़ में अणिमा ‘

हाल ही में ‘मिसाल न्यूज़’ को अणिमा से बातचीत करने का अवसर मिला। ‘भूलन द मेज़’ से जुड़ने के पीछे की कहानी क्या है, पूछने पर अणिमा बताती हैं- “इस फ़िल्म के सिलसिले में कॉस्टिंग डायरेक्टर का फोन आया था। फिर आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख जी एवं डायरेक्टर मनोज वर्मा जी से मुलाक़ात हुई। उन्होंने बताया ओंकारदास मानिकपुरी जी की पत्नी का रोल करना है। ‘पीपली लाइव’ फ़िल्म से ओंकार जी की अपनी अलग ही पहचान है। फिर इस बात को लेकर घबराहट थी कि छत्तीसगढ़ी में संवाद बोलने हैं। जब स्क्रीप्ट हाथ में आई कॉन्फिडेंस जगा। मैंने इस फ़िल्म के लिए हां कर दी।“

अपनी कला यात्रा के बारे में बताएं? अणिमा बताती हैं- “मैं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से हूं। भोपाल में थियेटर किया करती थी। वहीं से जाने-माने आर्ट डायरेक्टर एवं नाट्य निर्देशक जयंत देशमुख जी से पहचान थी। मुझे लगा कि आगे बहुत कुछ करना है, इसलिए 2008 में मुम्बई की राह पकड़ ली। वहां पृथ्वी थियेटर से जुड़े रहकर कई प्ले किये। यह सिलसिला अभी भी जारी है। 2009 से 2018 के बीच कई सीरियल भी किये, लेकिन अब थियेटर ही ज़्यादा रास आता है।“

‘भूलन’ के शूट के दौरान किस तरह का अनुभव रहा, पूछने पर अणिमा कहती हैं- “थोड़ा कठिन रहा। मुम्बई में सेट पर जो सुविधाएं होती हैं स्वाभाविक हैं कि ‘भूलन’ के शूट के दौरान वह नहीं हो सकती थीं, क्योंकि हम गांव में जाकर शूट कर रहे थे, किसी तैयार सेट पर नहीं। फिर फ़िल्म में छत्तीसगढ़ी बोलना था। इसके पहले छत्तीसगढ़ी बोलना तो दूर मैं इसे सुनी भी नहीं थी। कभी डायरेक्टर मनोज वर्मा जी तो कभी छत्तीसगढ़ के साथी कलाकारों से छत्तीसगढ़ी सीखती रही। काफ़ी तैयारी के साथ मैंने अपना रोल किया। यहां तक की डबिंग भी मैंने ख़ुद की है। नहीं तो होता यह है कि भाषा की दिक्कत होने पर रोल कोई करता है और उसकी डबिंग कोई और।“ फ़िल्म के कई पक्ष ख़ास हैं, आप किस ख़ास पर बात करना पसंद करेंगी, अणिमा कहती हैं- “गाने काफ़ी अच्छे बन पड़े हैं। उनमें कहीं से फ़िल्मी टच नहीं है। सब कुछ वास्तविक लगा है। बोल भी काफ़ी सरल हैं।“ पीपली लाइव फ़ेम ओंकारदास मानिकपुरी ने आपके पति का रोल किया है कैसी रही उनके साथ ट्यूनिंग, अणिमा कहती हैं- “सबसे बड़ी बात तो ये कि ओंकार जी बहुत अच्छे आर्टिस्ट हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को समझने उनसे काफ़ी मदद मिली। हम दोनों ने अपने रोल को पूरी तरह जीने की कोशिश की। ओंकार जी मुम्बई में कभी मिल भी जाएं तो हम एक दूसरे को मान-सम्मान देने में कोई कमी नहीं करते।“ डायरेक्टर मनोज वर्मा के साथ कैसे अनुभव रहे, इस सवाल पर वे कहती हैं- “मनोज जी ने हमें काम को लेकर पूरी आज़ादी दी। कहीं ऐसा नहीं लगा कि उनके और हमारे बीच किसी तरह की गलतफ़हमी उपजी हो।“ अब तो सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स में ‘भूलन’ की रिलीज़ की घड़ी नज़दीक है। मूवी को दर्शकों का कैसा रिस्पॉस मिल सकता है, अणिमा कहती हैं- “देखिये इस फ़िल्म के साथ एक-दो नहीं बहुत सी ख़ूबियां जुड़ी हैं। सारे आर्टिस्टों का ग़ज़ब का परफार्मेंस है। डायरेक्शन कसा हुआ है। कोलकाता से डीओपी संदीप सेन आए थे उन्होंने कमाल की सिनेमेटोग्राफी की है। फिर फ़िल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इतनी सारी चीजें दर्शकों को अपनी तरफ खींचने के लिए पर्याप्त हैं।“ आगे भी किसी छत्तीसगढ़ी फ़िल्म का प्रस्ताव मिला तो करेंगी, इस सवाल पर वे कहती हैं- “भूलन जैसा कोई अच्छा सब्जेक्ट रहा तो ज़रूर करूंगी। विशुद्ध कामर्शियल मूवी करने की तरफ मेरा ध्यान नहीं है।“ आगे आपका क्या कुछ नया देखने को मिलेगा, अणिमा बताती हैं- “के.के. मेनन के साथ ‘थ्री देव’ मूवी की है। एक हॉरर मूवी भी करने जा रही हूं जिसके नाम की घोषणा होना अभी बाक़ी है।“

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