‘हंडा’ में ज़बरदस्त कॉमेडी का तड़का- नीरज उके

मिसाल न्यूज़

छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘गुईयां’ में नेगेटिव रोल कर अपने अभिनय  की छाप छोड़ चुके नीरज उके ‘हंडा’ में एक्ट्रेस अमृता कुशवाहा के भाई की भूमिका में नज़र आएंगे। प्रोड्यूसर मोहित साहू व्दारा निर्मित छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘हंडा’ 5 जुलाई को पूरे छत्तीसगढ़ में रिलीज़ होने जा रही है। यह बात कम लोग जानते हैं कि नीरज उके इंजीनियर हैं। अभिनय का शौक उन्हें फ़िल्मों में ले आया। नीरज कहते हैं- “हंडा मे ज़बरदस्त कॉमेडी का तड़का है। यह फ़िल्म दर्शकों को कुर्सी से हिलने नहीं देगी।“

हंडा’ के शूट के दौरान

‘मिसाल न्यूज़’ से ख़ास बातचीत के दौरान नीरज ने बताया कि “मेरा बर्थ प्लेस राजनांदगांव है। स्कूल की पढ़ाई राजनांदगांव में ही हुई। पिता विजय उके और माता श्रीमती पूर्णिमा उके दोनों शिक्षक थे। उनकी इच्छा थी अच्छी पढ़ाई-लिखाई कर किसी बड़े पद पर जाऊं। स्कूल पूरा करने के बाद आगे इंजीनिरिंग की पढ़ाई करने का मन हुआ और मेरठ चला गया। मेरठ में इंजीनियरिंग करते हुए में कुछ ऐसे लोगों से मुलाक़ात हुई जो ड्रामा की दुनिया से जुड़े हुए थे। मैं ड्रामे की तरफ खींचा चला गया। मेरठ में ही मैंने इंडियन फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट संस्था ज्वाइन कर ली। वहां कंवलजीत पेंटल से अभिनय का प्रशिक्षण लिया। कंवलजीत पेंटल ‘महाभारत’ सीरियल में शकुनि की भूमिका निभा चुके मशहूर कलाकार गूफी पेंटल के छोटे भाई हैं। मेरठ में ‘अंधा युग’, ‘कोर्ट मार्शल’ एवं ‘चुकाएंगे नहीं’ ड्रामा किया। इंजीनियरिंग एवं अभिनय की पढ़ाई पूरी कर लौटने के बाद राजनांदगांव एवं रायपुर दोनों स्थानों पर ड्रामे का सफर जारी रहा। पूनम विराट, कौशल उपाध्याय, योग मिश्रा एवं शरद श्रीवास्तव जैसे नाट्य निर्देशकों के साथ ड्रामे करता रहा। ड्रामा करते-करते छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘दाउ मंदरा जी’ में रोल करने का अवसर मिला। इसमें मेरा किरदार पुलिस वाले का था। इसके अलावा एक के बाद एक ‘चमन बहार’, ‘सोचत सोचत होगे प्यार’, ‘वैदेही’, ‘रोमियो राजा’, ‘जीरो बनही हीरो’ फ़िल्में की। मुझे अलग पहचान ‘गुईयां’ के नेगेटिव किरदार से मिली। मैं प्रोड्यूसर मोहित साहू जी का आभारी हूं कि उन्होंने ‘गुईयां’ के बाद ‘हंडा’ में भी चांस दिया। मेरे साथ यह भी सुखद संयोग रहा कि ‘गुईयां’ के बाद ‘हंडा’ में भी स्टार कलाकार अमलेश नागेश के साथ काम कर रहा हूं। ‘हंडा’ की अधिकांश शूटिंग अमलेश के गांव कामराज में हुई। कामराज गांव के लोगों ने पूरी ‘हंडा’ यूनिट को काफ़ी सहयोग किया।“ नीरज आगे कहते हैं- “हंडा में शुरु से आख़री तक ज़बरदस्त कॉमेडी है। मेरा मानना है यह फ़िल्म सफलता के झंडे गाड़ेगी।“

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