बृजमोहन-अजय ने कहाः विधेयक लाकर सरकार ने सहकारी आंदोलन का कांग्रेसीकरण किया, सड़क से अदालत तक लड़ी जाएगी लड़ाई

मिसाल न्यूज़

रायपुर। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक व्दय बृजमोहन अग्रवाल एवं अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार जिस तरह सहकारिता संशोधन विधेयक लेकर आई है उससे  यहां के सहकारी आंदोलन का कांग्रेसीकरण हो गया है। इस मुद्दे पर भाजपा सड़क से लेकर अदालत तक की लड़ाई लड़ेगी। हम राज्यपाल से मांग करेंगे कि वे संशोधन विधेयक पर दस्खत न करें।

एकात्म परिसर में आज पत्रकार वार्ता में बृजमोहन अग्रवाल एवं अजय चंद्राकर ने कहा कि सहकारी सोसायटियों के चुनाव अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए हैंं। पूर्व में समितियों के छह एवं बैंकों के 12 माह में चुनाव कराने की व्यवस्था थी जो कि रद्द कर दी गई। महाराष्ट्र एवं गुजरात जैसे राज्यों में सहकारी आंदोलन के कारण ही किसानों को समृद्धि मिली। इससे पहले संशोधन विधेयक को लेकर हम विधानसभा के मानसून सत्र में सदन के भीतर अपनी बात रख ही चुके हैं। पहले नगर निगमों के चुनाव में जनता को महापौर एवं पार्षद के लिए दो अलग-अलग वोट देने का अधिकार हुआ करता था। इस सरकार ने महापौर पद के लिए वोट देने का अधिकार छिन लिया। अब यही फार्मूला सोसायटियों में लागू करने की कोशिश हो रही है। एक करोड़ से अधिक लोगों के वोट देने का अधिकार छिना जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। यह लघु वनोपज वाले व्यापारियों के अधिकारों को छिनने की कोशिश है।  छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों एवं एवं आदिवासियों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। नेताव्दय ने कहा कि प्रदेश में जब हमाारी सरकार थी हमने वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा को स्वीकार किया था। इस सरकार ने सारे सिस्टम की हत्या कर दी। वह पिछले दरवाजे से सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।  सोसायटियों में अपने लोगों को बैठाने को कोशिश हो रही है। ताकि रेवड़ी बांटकर अपने लोगों के असंंतोष को कम किया जा सके। भाजपा सत्ता में आएगी तो पुरानी व्यवस्था को वापस बहाल करेगी। इसी तरह पेसा कानून के नाम पर भी इस सरकार ने दूसरों के हक को छिनने का काम किया है।

बृजमोहन अग्रवाल एवं अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सरकार ने 5 नये जिले बनाए हैं। जिलों की संख्या 28 से बढ़कर 34 हो गई है। स्वतंत्रता दिवस पर इन नये 5 जिलों में झंडा वंदन कराने की घोषणा नहीं की गई। इन 5 नये जिलों के लोग उत्साहित थे कि उनके यहां बड़े स्तर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम होगा, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। सरकार स्पष्ट करे कि आखिर इस समय इन 5 नये जिलों का स्टेटस क्या है। ये अस्तित्व में हैं भी या नहीं।

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