‘साथी रे’- युवाओं के साथ काम करना दादा के लिए रहा नया अनुभव

मिसाल न्यूज़

1 दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘साथी रे’ में पुष्पेंद्र सिंह एक बार फिर नेगेटिव रोल में नज़र आएंगे। पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं- “साथी रे के निर्माण से ज्यादा से ज्यादा युवा लोग जुड़े रहे। आज जब वास्तविक जीवन में मैं दादा बन चुका हूं तो युवा टीम का साथ एक नया अनुभव दे गया।”

पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं- “साथी रे एक ऐसी फिल्म जिसका हिस्सा बनकर दिली तौर पर मैं बेहद खुश हूं। अब तक जितने किरदार निभाये उनसे ‘साथी रे’ में अलग हटकर है। पहली बार पिता की भूमिका करते हुए विलेन भी बना हूं। विलेन तो पहले भी बनता था लेकिन इस फिल्म में अपनी ही बेटी के लिए विलेन बना हूं। हां कैरेक्टर थोड़ा तिरछा था, जिसे करते वक़्त मुझे कई बार लगा कि ठीक से कर पाऊंगा या नहीं, लेकिन डायरेक्टर अनुपम भार्गव और साथी कलाकारों ने बहुत सहयोग दिया। यही कारण है कि मैं इस नये तरह के किरदार को जी पाया। टेंशन नाम का शब्द तो मानो अनुपम भार्गव की डिक्शनरी में है ही नहीं। अनुपम किरदार को अपने ढंग से निभाने की पूरी छूट देते हैं। मन कुरैशी एवं मुस्कान साहू की जोड़ी के साथ पहली बार काम करने का मौका मिला। दोनों ही आर्टिस्ट अपने काम के प्रति समर्पित नज़र आए। ‘साथी रे’ में एक्शन रोमांस कॉमेडी और ड्रामा सब कुछ बहुत अच्छा है। ये सभी चीजें एक साथ होने के कारण मुझे लगता है मैं इस फ़िल्म को करने का पूरा आनंद ले पाया। ‘ साथी रे’ 1 दिसंबर को आ रही है। छत्तीसगढ़ के दर्शकों से मेरी अपील है कि अपनी छत्तीसगढ़ी भाषा वाली फ़िल्मों को ज़रूर बढ़ावा दें।”

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