भाजपा पार्षदों का आरोपः प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम बदल कर दिया ‘मोर मकान मोर आस’, गरीबों से लेना था 75 हजार, ले रहे 3 लाख 25 हजार

20 को दुर्ग में प्रदेशव्यापी आंदोलन

मिसाल न्यूज़

रायपुर। रायपुर नगर निगम के भाजपा पाार्षदों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का छलपूर्वक नाम बदलकर ‘मोर मकान मोर आस’ कर दिया गया। ‘मोर मकान मोर आस’ योजना के नाम से ब्रोशर भी जारी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में एक आवास के पीछे हितग्राही से 75 हजार लेने का प्रावधान है। वहीं ‘मोर मकान मोर आस’ में हितग्राही से 3 लाख 25 हजार वसूला जा रहा है। रायपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जो गड़बड़ी की गई है उसके विरोध में 20 दिसंबर को दुर्ग में भाजपा व्दारा प्रदेशव्यापीआंदोलन किया जाएगा।

एकात्म परिसर में आज पत्र वार्ता में रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष श्रीमती मीनल चौबे, वरिष्ठ पार्षद व्दय मृत्युंजय दुबे एवं सूर्यकांत राठौर ने कहा कि 9 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास मिशन के क्रियान्वयन हेतु समस्त नगर निगम आयुक्तों को पत्र प्राप्त हुथा था। उसमें कहा गया था कि वार्ड वार डिमांड एसेसमेंट सर्वे (स्लम एवं गैर स्लम) यथाशीघ्र करवाया जाए। मिशन के अनुरूप रायपुर शहर में अस्थाई झुग्गी बस्तियों का सर्वे निगम के सहयोग से हुआ। रायपुर में लगभग 10 हजार परिवारों को शहर के विभिन्न वार्डों में चिन्हित किया गया जो कि अस्थाई झुग्गी बस्ती थे जिनके पास स्थाई पट्टा नहीं था। इन परिवारों का डीपीआर केंद्र सरकार को भेजा गया। केन्द्र सरकार की ओर से तय हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब तबके लिए बनाए जाने वाले एक मकान की कीमत 4 लाख 75 हज़ार होगी। प्रति आवास में 1 लाख 50 हज़ार रुपए केन्द्रांश, 2 लाख 50 हज़ार रुपये एवं हितग्राही का अंशदान 75 हज़ार रूपये तय हुआ था। इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार की सहमति के बाद 13 जनवरी 2017 को राज्य से टेंडर लगाने कहा गया। 10 हजार मकान वित्तीय संरचना के हिसाब से निर्माण प्रक्रिया में हैं। अब इसी बीच रायपुर नगर निगम के माध्यम से मोर मकान मोर आस का विज्ञापन निकाल दिया गया। भाजपा पार्षद दल ने नगर निगम की सामान्य सभा में प्रश्न लगाया था कि वर्तमान सरकार ने इस नई योजना के तहत कुल कितने मकान बनवाए हैं। जवाब आया था कि एक भी मकान नहीं बनवाया गया। इस तरह 10 हजार झुग्गी बस्ती के परिवारों के लिए जो मकान पूर्व में स्वीकृत हैं उन्हीं मकानों को इस योजना में सम्मिलित कर लिया गया। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार योजना का नाम बदलकर, हितग्राही बदलकर अब इस मकान को 1 लाख 50 हजार केन्द्रांश को छोड़कर पूरा 3 लाख 25 हजार गरीब हितग्राहियों से ले रही है। मतलब यह हुआ कि राज्यांश जो 2 लाख 50 हजार रुपये था वह भी वर्तमान सरकार इन गरीब हितग्राहियों से लेकर अपना खजाना भर रही है।

भाजपा पार्षद दल ने नगर निगम के महापौर, नगर निगम आयुक्त एवं नगरीय प्रशासन मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि उन चिन्हित 10 हजार परिवारों का भविष्य क्या होगा? इन परिवारों के लिए बने हुए मकान को किसी और परिवार को आबंटित करने के पूर्व इनको क्यों लिख कर नहीं दिया जा रहा कि इनकी बस्तियों को कभी नहीं उजाड़ा जाएगा। पट्टा वितरण का वादा करके सत्ता में आई सरकार इनको क्यों अब तक पट्टा नहीं दे पाई। भाजपा पार्षदों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द चिन्हित लोगों को स्थाई पट्टा दिया जाए ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोर जमीन मोर मकान योजना का लाभ इन्हें मिल सके।

पत्रकार वार्ता में जिला भाजपा अध्यक्ष जयंती पटेल, भाजपा पार्षद व्दय मनोज वर्मा एवं प्रमोद साहू उपस्थित थे।

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