विधानसभा में बृजमोहन ने कहा- अपने नेताओं के हत्यारों को आज तक नहीं पकड़ पाई सरकार

● बस्तर में टारगेट किलिंग कराने का आरोप

● हंगामा मचाते गर्भ गृह में जा घुसे सारे भाजपा विधायक निलंबित

मिसाल न्यूज़

रायपुर। बस्तर में धर्मांतरण एवं नक्सली वारदातें फिर से बढ़ने का मामला आज विधानसभा में जमकर गूंजा। विपक्षी भाजपा विधायक दल ने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण एवं सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वालों की टारगेट किलिंग कराई जा रही है। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आक्रोशित होकर कहा कि यह सरकार बुरी तरह असफल है जो अपने नेताओं के हत्यारों को आज तक नहीं पकड़ पाई। हंगामा इस कदर मचा कि विधानसभा उपाध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 3 बार स्थगित करनी पड़ी। वहीं नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में जा घुसे भाजपा विधायकों को उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि पूरा बस्तर जल रहा है। नक्सली वारदातें हो रही हैं। धर्मांतरण का विरोध करने वाले भाजपा नेताओं को मारा जा रहा है और नाम नक्सलियों का लिया रहा है। पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। धर्मांतरण काम में लगे हुए लोगों को सरकार का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। इस पर विपक्ष ने स्थगन दिया है जिस पर चर्चा कराई जाए।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि बस्तर की पूरी डेमोग्राफी सरकार के संरक्षण में बदल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने तक धर्मांतरण पर चिंता जताई है। बस्तर में हो रहे धर्मांतरण के पीछे गहरा राजनीतिक षड़यंत्र है। विपक्षी भाजपा नेता अपनी बात रख ही रहे थे कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने उनका विरोध किया। इसके साथ ही अन्य कांग्रेस विधायक भी विरोध में खड़े हो गए। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि शून्यकाल में संक्षेप में अपनी बात रखनी चाहिए लेकिन यहां ये लोग भाषण दे रहे हैं। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि शून्यकाल में इस तरह मंत्री भी नहीं बोल सकते। हिम्मत है तो हमने जो स्थगन दिया है उस पर चर्चा कराएं। इसके साथ ही सत्ता पक्ष एवं विपक्ष की ओर से शोर शराबा और तेज हो गया। विधानसभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नक्सली घटनाओं में हमारी पार्टी के चार लोगों की हत्या हुई। पूर्व में कांग्रेस के भी 18 लोग नक्सली हमले में मारे गए थे। शर्म करो। बस्तर में सीधे टारगेट कीलिंग हो रही है। गृह मंत्री का कोई वक्तव्य आते नहीं दिख रहा। पुलिस के जवान, भाजपा के लोग, आम नागरिक ये सभी नक्सली हमले में मारे जा रहे हैं। नक्सली हमले में हमने अपने विधायक भीमा मंडावी को खोया है। विपक्ष की बातों का लगातार विरोध कर रहे मंत्री कवासी लखमा की तरफ रुख़ करते हुए बृजमोहन ने कहा कि आप भी नक्सलियों के टारगेट में आ गए हो। सत्ता पक्ष के मंत्री एवं विधायक बार-बार सदन में इस तरह शोर मचाकर विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास करें ये सही नहीं है। कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि सबसे बड़ी टारगेट कीलिंग भाजपा के शासनकाल में हुई थी। कांग्रेस विधायक देवती कर्मा ने कहा कि नक्सली हमले में हमने अपना कितना कुछ खोया है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार बुरी तरह असफल है जो अपने नेताओं के हत्यारों को आज तक नहीं पकड़ पाई। दोनों तरफ से फिर जमकर शोर शराबा होने लगा। विधानसभा उपाध्यक्ष को कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही पुनः शुरु होने पर बृजमोहन अग्रवाल की किसी बात पर आपत्ति करते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम ने कहा कि आपने आसंदी को लेकर कमेन्ट्स किया यह उचित नहीं। आसंदी का भी अपना महत्व है। उपाध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की ओर से लाए गए स्थगन को अग्राह्य कर दिया गया है। उस पर चर्चा नहीं होगी। अब सीधे ध्यानाकर्षण पर चर्चा होगी। स्थगन अग्राह्य हो जाने पर विपक्षी विधायक फिर शोर मचाने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष से भी शोर होने लगा। उपाध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही फिर से शुरु होने पर उपाध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण की सूचना पढ़ने कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा का नाम पुकारा। सारे भाजपा विधायक फिर शोर मचाते हुए गर्भ गृह में आ गए। उपाध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह, पुन्नूलाल मोहले, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश कुमार सिंह, डमरूधर पूजारी एवं श्रीमती रंजना डिपेन्द्र साहू के सदन की कार्यवाही से निलंबन की घोषणा की और इन सभी को बाहर चले जाने कहा। उपाध्यक्ष के निर्देश के बाद भी सारे भाजपा विधायक गर्भ गृह में ही जमे रहते हुए जमकर नारेबाजी करते रहे। नारेबाजी के बीच ही कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा ने ध्यानाकर्षण की सूचना पढ़ी और उस पर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का जवाब आया। भारी नारेबाजी के बीच ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं अन्य कांग्रेस विधायकों ने 2022-23 के तृतीय अनुपूरक बजट पर अपनी बात रखी।

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