‘जिमी कांदा’ से अनुराग बने म्यूज़िक डायरेक्टर… छा गया “मनमोहना…”

मिसाल न्यूज़

छत्तीसगढ़ी सिनेमा के मशहूर सिंगर अनुराग शर्मा फ़िल्म ‘जिमी कांदा’ से बतौर म्यूज़िक डायरेक्टर एक नई शुरुआत कर चुके हैं। ‘जिमी कांदा’ 7 अप्रैल को रुपहले पर्दे पर पहुंच रही है। अनुराग 50 से अधिक फ़िल्मों एवं 1500 से ऊपर अलबमों के लिए गा चुके हैं। ‘जिमी कांदा’ के लिए उनके व्दारा तैयार किया गया गीत “मनमोहना…” यू ट्यूब पर छाया हुआ है। अनुराग कहते हैं- “मुझे गायक से संगीतकार बनाने का श्रेय ‘जिमी कांदा’ के प्रोड्यूसर गजेंद्र श्रीवास्तव एवं डायरेक्टर तथा हीरो अनुपम भार्गव को जाता है।“

‘मिसाल न्यूज़’ को अपनी कला यात्रा के बारे में बताते हुए अनुराग शर्मा ने कहा कि “संगीत का सफर तब शुरु हुआ जब मैं 8 वीं कलास में था। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से मैंने गायन में एम.ए. किया। जवानी की दहलीज़ में कदम रखने के बाद आर्केस्ट्रा रंगीला में गाने लगा। जब आर्केस्ट्रा की दुनिया में आया फ़िल्मों से मेरा दूर-दूर तक नाता नहीं था। बस एक तमन्ना ज़रूर मेरे दिल में थी कि मेरे गानों की भी सीडी आए। उस समय तो सीडी का ही चलन था। किसी मूकाम तक पहुंच पाने मुझे लंबी दूरी तय करनी पड़ी। ‘मोर छंइहा भुंइया’ के बाद छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों का दौर आ चुका था, वहीं अलबम भी ख़ूब बन रहे थे। छत्तीसगढ़ी सिनेमा एवं अलबम दोनों में सुनील सोनी, शेख अमीन एवं नारायण ग्वाला बड़ा नाम हो चुके थे। मैं इनके गानों में कोरस किया करता। साथ ही रायपुर के सार्थक स्टूडियो में डमी सिंगर के रूप में काम भी करते रहा। तब सार्थक स्टूडियो में एक दिन में आठ डमी गाने रिकॉर्ड हुआ करते थे। धीरे-धीरे स्टूडियो के लोगों का मुझ पर भरोसा बढ़ने लगा। मेरे व्दारा गाए डमी गानों में से ही कभी-कभी एक दो फाइनल हो जाया  करते थे। यानी मेरी आवाज़ में ही वह गाना रिलीज़ हुआ करता था। छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों में सिंगर के रूप में अपनी शुरुआत की बात करूं तो मुझे पहला मौका प्रोड्यूसर जसबीर कोमल जी की फ़िल्म ‘पहुना’ में मिला था। इस फ़िल्म के सभी गाने मैंने गाए थे। फिर डायरेक्टर अनुमोद राजवैद्य की ‘बिदाई’ आई। इसमें एक गाना मेरा था। छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘मितान 420’ के दो गाने शेख अमीन को गाने थे। निजी व्यस्तताओं के कारण वो दो गाने शेख अमीन नहीं गा पाए, जो कि मुझे मिले। मुझे ये मौका ‘मितान 420’ के डायरेक्टर उत्तम तिवारी जी ने दिया था। उसके बाद से उत्तम तिवारी जी की हर फ़िल्म में मैं गाने गाता आ रहा हूं। मिसाल के तौर पर ‘राजा छत्तीसगढ़िया’ पार्ट-1 एवं पार्ट-2, ‘आई लव यू’ पार्ट-1 एवं पार्ट-2, ‘मिस्टर मजनू’ एवं ‘लव लेटर।‘ आज छत्तीसगढ़ी सिनेमा में मेरी जो कुछ भी पहचान है इसमें उत्तम  तिवारी जी एवं म्यूज़िक अरेंजर सूरज महानंद जी का बड़ा योगदान है।“

अब तो अनुराग शर्मा छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों के सिंगर ही नहीं बल्कि ‘जिमी कांदा’ से म्यूज़िक डायरेक्टर भी हो गए हैं… यह जिक्र करने पर अनुराग कहते हैं- “दो साल पहले एक्टर और डायरेक्टर भाई अनुपम भार्गव से मेरी अलबम के सिलसिले में मुलाक़ात हुई थी। उन्हें अलबम के लिए एक गाना चाहिए था। मैंने एक गाना करके दिया- “दिल के कोरा कागज म।“ उसके बाद मैंने उनके व्दारा निर्देशित फ़िल्म ‘संगी रे’ के लिए दो गाने गाए। ‘संगी रे’ के बाद ‘जिमी कांदा’ के लिए भी दो गाने पर बातचीत शुरु हुई। फिर उन्होंने कुछ सोचकर कहा कि ‘जिमी कांदा’ के लिए दो गाने गा ही रहे हो तो दो की जगह चार गाने बनाने के साथ क्यों न अब म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में भी सामने आओ। अनुपम भाई ने यह जो सोचा उससे ‘जिमी कांदा’ के प्रोड्यूसर गजेन्द्र श्रीवास्तव जी को अवगत कराया। श्रीवास्तव जी ने भी कहा कि यह काम अब तुम्हें कर ही लेना चाहिए। आज सिंगर के साथ म्यूजिक डायरेक्टर का भी तमगा मेरे साथ जो जुड़ने जा रहा है इसके लिए मैं इन दोनों का आभारी हूं। ‘जिमी कांदा’ के हर गाने को मैंने अलग टच दिया है। इसमें छह गाने हैं और छहों गाने आपस में मेल खाते नहीं मिलेंगे। रामनवमीं पर भगवान राम की महिमा वाला गीत है जिसमें पूरा भक्ति रस है तो होली पर बने गीत में अलग ही उमंग है। दो रोमांटिक गाने हैं तो एक अलग से डॉसिंग सॉग है।

संगीत का यह लंबा सफर जीवन में क्या कुछ ख़ास सीखा गया? इस सवाल पर अनुराग कहते हैं- “20 साल हो गए छत्तीसगढ़ की इस म्यूजिक इंडस्ट्री में काम करते हुए। गाने हिट रहें या फ्लॉप यह अलग बात है, लेकिन मैं यही समझ पाया कि काबिलियत के बल पर ही यहां कोई लंबा चल सकता है। सफलता मिले तो उड़ना नहीं और कहीं पर असफल रहे तो दुख करना नहीं, इसे मैंने अपना जीवन दर्शन बना लिया है।“

अनुराग का ख़ुद का बैंड है- ‘अनुरागास द बैंड।‘ वे हिन्दी गानों का लाइव शो ‘अनुरागास द बैंड’ के बैनर तले करते हैं। यूं कहें छत्तीसगढ़ी के साथ हिन्दी गाने पेश करने में भी उन्हें विशेषज्ञता हासिल है। उनका खुद का ए.आर.एस. स्टूडियो है। ‘जिमी कांदा’ के अलावा आने वाली छत्तीसगढ़ी फ़िल्में ‘वैदेही’, ‘राधेश्याम’ एवं ‘राजा भैया’ में भी अनुराग के गाने सुनने मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *