किसान की आत्महत्या पर विपक्ष ने सरकार को घेरा… स्थगन पर चर्चा नहीं कराए जाने के विरोध में सदन से वाक आउट…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। छत्तीसगढ़ की षष्ठम विधानसभा के पहले सत्र के आज अंतिम दिन विपक्षी कांग्रेस विधायक दल ने बस्तर में एक किसान व्दारा आत्महत्या कर लेने की घटना पर स्थगन लाया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने यह कहते हुए चर्चा कराने से इंकार कर दिया कि ऐसे अल्पकालीन सत्र में स्थगन नहीं लिया जाता। इसके विरोध में सारे कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

प्रथम सत्र के आज तीसरे व अंतिम दिन सदन प्रारंभ होते ही पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी एवं पूर्व विधायक डॉ. रामलाल भारव्दाज को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होते ही बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने नारायणपुर क्षेत्र के किसान हेमु व्दारा आत्महत्या कर लेने की घटना पर दुख जताया और इस पर विपक्ष की ओर से दिए गए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की। वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि आज हमें जो आमंत्रण मिला उसमें शून्यकाल का कोई उल्लेख नहीं है। अनुपूरक बजट पर चर्चा एवं राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन का जरूर उल्लेख है। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चंद्राकर की बात का समर्थन किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि हम जनता की सेवा का संकल्प लेकर यहां आए हैं। मामला बस्तर का है। 5 मिनट वहां का दुख सुन लेने में दिक्कत क्या है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नियम प्रक्रिया की बात की जा रही है। मामला अभी-अभी का है। नई सरकार के बनते ही यह बड़ी घटना हुई है। विधानसभा के अगले सत्र में यह स्थगन नहीं लाया जा सकता। इसलिए अभी इसे ग्राह्य कर चर्चा कराएं। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस पहले सत्र में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण एवं स्थगन जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। अजय चंद्राकर ने कहा कि पहला सत्र विषय पर आधारित होता है। निर्धारित विषय के अतिरिक्त किसी अन्य विषय पर चर्चा का कोई प्रावधान नहीं है। चंद्राकर की इस बात का कांग्रेस विधायकगण कवासी लखमा, श्रीमती अनिला भेड़िया, विक्रम मंडावी एवं राम कुमार यादव ने विरोध किया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नई सरकार के अस्तित्व में आने के बाद सबसे पहले वाले सत्र में शून्यकाल, प्रश्नकाल एवं ध्यानाकर्षण जैसी कोई व्यवस्था नहीं होती। पहला सत्र अल्प सूचना के आधार पर बुलाया गया अल्पकालिक सत्र होता है। इसलिए इसमें कोई अतिरिक्त विषय नहीं लिया जा सकता। वैसे भी आज राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा होना है। सदस्य चाहें तो उसमें अपनी बात रख सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मान्य परंपराओं को बदला भी जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जा रहा है, जिसके विरोध में सदन से वाक आउट करते हैं। इसके साथ ही सारे कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

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