मिसाल न्यूज़
रायपुर। नगर निगम की सामान्य सभा में आज महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि मेरा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने पर विश्वास है। मैं ‘मैं’ पर नहीं चलता, ‘हम’ पर चलता हूं। रायपुर का विकास मेरा मुख्य लक्ष्य है।
महापौर ने कहा कि पार्षदों के वेतन दुगना हुआ। इससे पहले कभी 500, कभी 1000 या कभी 1500 बढ़ते रहा था। अब साढ़े सात से सीधे 15 हज़ार हो गया। पार्षद निधि पहले 4 लाख होती थी, जो बढ़कर 6 लाख हो गई। रायपुर ने कस्बे से लेकर महानगर तक का सफर तय किया है। रायपुर को नगर निगम कहलाते 55 वर्ष हो गए। इस नगर निगम में स्वरूपचंद जैन, मूर्ति साहब, संतोष अग्रवाल, बलबीर जुनेजा, सुनील सोनी, श्रीमती किरणमयी नायक एवं प्रमोद दुबे जैसे महापौर मिले जिन्होंने इतिहास लिखा। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी लाभ मिल सके इसके लिए हमने ‘मोर महापौर मोर व्दार’ कार्यक्रम चलाया। इस कार्यक्रम में सिंगल विंडो में त्वरित गति से काम हुए। इस कार्यक्रम में क़रीब 30 हजार आवेदन आए थे, जिनमें से करीब 25 हजार का तूरंत निदान हुआ। इसी कार्यक्रम के बीच किसी दिव्यांग को हमने ट्राइसिकल दी तो किसी बच्ची का आईआईटी में एडमिशन करवाया। वो ऐसे क्षण थे जिसने मेरी आंखों में आंसू ला दिए। ‘मोर महापौर मोर व्दार’ के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम को विकास कार्यों हेतु 10 करोड़ देने का आश्वासन दिया। ‘मोर महापौर मोर व्दार’ के बाद हमने विशाल चिकित्सा शिविर लगवाया। ऐसे डॉक्टर जिनका 3 से 4 महीने पहले अपाटमेंट लेना पड़ता है वे इस शिविर में सेवाएं देने आए।
महापौर ने कहा कि अखिल भारतीय महापौर परिषद सम्मेलन की मेजबानी रायपुर को मिली। 65 महापौर सम्मेलन में आए थे। 40 महापौर भाजपा के थे बाकी कांग्रेस व निर्दलीय। महापौर सम्मेलन में रायपुर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आगरा के महापौर नवीन जैन जो कि भाजपा से हैं ने भी इस सम्मेलन की खुले दिल से तारीफ की।