मिसाल न्यूज़
रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आज विजय संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार करप्शन एवं कुशासन का मॉडल बन चुकी है। इस समय छत्तीसगढ़ के चारों तरफ एक ही आवाज उठ रही है बदलो… बदल दो… ए दारी कांग्रेस के सरकार बदल दो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसा लगता है कांग्रेस करप्शन के बिना सांस भी नहीं लेती है। छत्तीसगढ़ में कोल माफिया, लैंड माफिया और भी न जाने कैसे कैसे माफिया फल फूल रहे हैं। इन लोगों ने जल जीवन मिशन तक को नहीं छोड़ा। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में भाजपा की प्रमुख भूमिका रही। भाजपा ही छत्तीसगढ़ की जरूरतों को समझती है। आज हमने छत्तीसगढ़ में 7 हजार करोड़ से अधिक के कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया है। इसमें रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरीडोर का निर्माण भी शामिल है। इससे दोनों शहरों की दूरी कम तो होगी ही रोजगार के भी नये अवसर खुलेंगे।
मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के सामने एक बहुत बड़ा पंजा दीवार बनकर खड़ा है। ये पंजा आपके हक को छिन रहा है। हमने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लाई। पड़ेसी राज्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में इस योजना का लक्ष्य पूरा हुआ। लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी लाखों की संख्या में पीएम आवास इंतजार की सूची में पड़े हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लोगों ने इसे रोक रखा है। किसानों से जो धान की खरीदी होती है उसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा केन्द्र सरकार का होता है। कांग्रेस ने जनजाति समुदाय का वोट बैंक के रूप में यूज किया। भाजपा सरकार ने अलग से आदिवासी समुदाय के हितार्थ मंत्रालय बनवाया। हमने आदिवासी बहुल क्षेत्रों को आकांक्षी जिले के रूप में चुना। यही कारण है कि विकास की गाथा बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं सुकमा जैसे क्षेत्रों तक पहुंच गई है।
मोदा ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले गंगा जल हाथ में लेकर कहा था कि ये करेंगे वो करेंगे लेकिन कुछ नहीं किया। चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाओ तो उसकी याददाश्त छिन जाती है। कांग्रेस ने कहा था शराब बंदी लागू करेंगे, जो कि नहीं हुआ। उल्टे हजारों करोड़ का शराब घोटाला हो गया। शराब घोटाले के कारण छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल का फार्मूला लागू नहीं हो पाया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए एटीएम की तरह हो गया है। पिछले तीन-चार वर्षों में जहां-जहां विधानसभा चुनाव हुए वहां के खर्चों की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं को मिलती रही थी।