मिसाल न्यूज़
रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में चारा घोटाले से भी बड़ा गोठान घोटाला हुआ है। भाजपा की मांग है कि इसकी सीबीआई जांच हो।
एकात्म परिसर में आज प्रेस वार्ता में अरुण साव ने कहा कि गोठानों के नाम पर 1300 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला हुआ है। गोठानों के नाम पर कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने सब्जबाग दिखाए, लेकिन न तो गौठानों में गायों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए और न ही गोबर से निर्मित खाद का कहीं अता पता है। हाल ही में 269 करोड़ रुपए के तो केवल गोबर घोटाले का खुलासा हुआ है और प्रदेश सरकार इस आरोप का जवाब तक विधानसभा में नहीं दे पाई। इससे साफ है कि प्रदेश सरकार ने हर क्षेत्र में बेदर्दी से घोटाला करके प्रदेश के संसाधनों की लूट मचा रखी है। प्रदेश में चहुँओर गौठानों का बुरा हाल है और गौवंश बेहाल है। भाजपा की टीम सच्चाई का पता लगाने प्रदेश के 3 हजार 948 गोठानों तक पहुंची। गोठानों में कहीं भी गाय नहीं मिली। अनेक जगह कांग्रेस की गुंडागर्दी सहते हुए, सत्ता की हिंसा आदि झेलते हुए भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने गोठानों से जुड़े आँकड़े जुटाए। कई जगह तो मीडिया के कैमरे के सामने भी कांग्रेसियों ने मारपीट की। भाजपा कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला भी हुआ। फिर भी भाजपा पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं ने इस अभियान को पूरा किया और पाया कि हमने जितना सोचा था, गौठानों के हालात उससे भी अधिक भयावह हैं। बदइंतजामी का आलम यह है कि अक्टूबर 2022 में सिर्फ 3 गोठानों में 150 गायों ने भूख, प्यास और घुटन के चलते दम तोड़ा। मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र के अचानकपुर गोठान में ही 25 गायों की मौत हुई। इसी तरह आदर्श दर्जा प्राप्त सचादुर गौठान से रातों-रात हिस्ट्रीशीटर गौ तस्करों ने 40 से 50 गायों की चोरी को अंजाम दिया। यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में गायों की हत्या हो रही है और गृह मंत्री के क्षेत्र में गौ माता की चोरी हो रही है। जहां 40 से ज्यादा गोवंश के गौठान से चोरी होने की पुलिस चौकी में शिकायत की गई है।
साव ने कहा कि प्रदेश में 9 हजार 290 गौठान होने का दावा है, परंतु 2023-24 में 175 करोड़ की बजट राशि लेने वाली इन गौठानों में से 80% गौठानों में गाय रहती ही नहीं हैं। प्रत्येक गौठान में 300 गाय रखने का नियम है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि गर्मी में गाय कहीं और चली जाती हैं, पर अब तो बरसात चालू हो चुकी है। फिर भी निरीक्षण के दौरान हमें गाय नहीं मिली। रोका-छेका का जमीनी सच यह है कि गायें आज भी सड़कों पर दिखाई पड़ रही हैं। ग्राम पंचायतों से जबरन वसूली गई राशि को गौठानों में खर्च नहीं की गई। गौठान के नाम पर चल रहे गोरखधंधे में कांग्रेस सरकार ने सबसे अधिक पंचायतों/सरपंचों के अधिकार पर डाका डाला है।
साव ने कहा कि प्रदेश सरकार व्दारा दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदकर उसे 10 रुपए प्रति किलो की दर से घटिया वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को बेचा गया। कई स्थानों पर तो ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने गोबर तो बेचा परंतु एक ढेला आज तक सरकार की तरफ से प्राप्त नहीं हुआ। जब प्रशासन से इसकी जानकारी ली गई तो कोई जवाब नहीं मिला। गौठानों में कार्यरत समिति के कार्यकर्ताओं को गौठान में कार्य करने का मेहनताना पिछले कई महीनों से नहीं दिया गया है। भाजपा इस पूरी रिपोर्ट को कम्पाइल कर तमाम जांच एजेंसियों को भेजेगी।
प्रेस वार्ता में प्रदेश भाजपा महामंत्री ओ.पी. चौधरी, भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल, आरटीआई प्रकोष्ठ संयोजक विजय शंकर मिश्रा, भाजपा रायपुर ग्रामीण अध्यक्ष टंकराम वर्मा उपस्थित थे।