मिसाल न्यूज़
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी ने जिस ड्रायव्हर को पकड़ा उसके व्दारा कोर्ट में दिए गए बयान से बड़ा खुलासा हुआ है। ड्रायव्हर को पकड़ने के बाद ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट झूठ का पुलिंदा साबित हुआ। सच्चाई यह है कि कांग्रेस के चुनावी अभियान चुनाव को प्रभावित करने तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने षड़यंत्र रचा गया था। कांग्रेस की मांग है कि निर्वाचन आयोग षड़यंत्र रचने वाले ईडी के अफसरों पर कार्रवाई करे। इनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाये।
राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी ने कुछ दिनों पहले एक ड्राइवर को पकड़ा था। उसके कथित बयान के आधार पर ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव एप्प से 508 करोड़ रू. लेने का आरोप लगाते हुये एक प्रेस नोट जारी किया था। ईडी ने सिर्फ एक आरोपी के फौरी बयान के आधार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बिना किसी प्रमाण के, बिना किसी जांच के, पैसे लेने का प्रेस नोट हड़बड़ी में जारी कर दिया। ईडी के द्वारा जारी प्रेस नोट यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि यह भाजपा को एक चुनावी मुद्दा देने तथा मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के उद्देश्य से षड़यंत्रपूर्वक जारी किया गया। असीम दत्ता ने अदालत को दिये अपने आवेदन में कहा है कि मैंने जो कुछ किया वह शुभम सोनी के कहने पर किया। शुभम सोनी मेरा बचपन का मित्र था। उसने मुझको धोखे में रखकर फंसाया है। असीम दत्ता ने अदालत में दिये बयान में कहा कि मैंने किसी राजनैतिक दल के लिये कोई काम नहीं किया है। शुभम सोनी ने मुझे दुबई बुलाया था। उसी ने मुझे मोहरा बनाकर अंधेरे में रखकर फंसाया। दुबई बुलाना, फिर वापस भेजना, फिर एयरपोर्ट पर गाड़ी भेजना, उसके बाद गाड़ी में पैसों का बैग बिना मेरी जानकारी के रखवाना, फिर गाड़ी को होटल से जप्त करवाना, उसके बाद ईडी के द्वारा खुद अंग्रेजी में बयान लिखना तथा मुझसे बिना मेरी सहमति के बयान पर दबावपूर्वक हस्ताक्षर करवाना, यह सब एक के बाद एक होता चला गया। मैं ज्यादा पढ़ा नहीं हूं। मुझे अंग्रेजी नहीं आती। बयान में क्या लिखा है मुझे नहीं पता। मैं किसी राजनैतिक पार्टी के लिये कभी भी पैसा छोड़ने नहीं गया। ईडी ने रिमांड के दौरान भी मुझसे कोई पूछताछ नहीं की है।
शुक्ला ने कहा कि जिस शुभम सोनी ने असीम दत्ता को मोहरा बनाया भाजपा ने उसी का वीडियो प्रेस कांफ्रेंस कर जारी किया। इससे साफ हो गया है कि ईडी, भाजपा, शुभम सोनी ने मिलकर यह सारा षड़यंत्र रचा। ईडी के आरोप के आधार पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने का काम किया। जिस व्यक्ति के तथाकथित बयान को लेकर मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई उसके अदालत में लिखित बयान सामने आने के बाद भाजपा-ईडी का षड़यंत्र खुलकर सामने आ गया है। इन सारे षड़यंत्रों के खुलासे से यह साफ हो गया कि भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में अपनी होने वाली पराजय के डर से मुख्यमंत्री की छवि खराब करने तथा कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की दिशा भटकाने ईडी का सहारा लिया।