मिसाल न्यूज़
सिनेमाघरों में पहले ही दिन धूम मचा देने वाली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘गुईयां’ में क्रांति दीक्षित रूद्रा नाम के नेगेटिव किरदार में नज़र आए हैं। सिल्वर स्क्रीन पर ख़ूख़ार नज़र आने के लिए क्रांति ने अपना लुक चेंज किया। हेयर स्टाइल बदली और वेट कम किया।
क्रांति बताते हैं- “गुईयां प्रोड्यूसर मोहित साहू जी के साथ चौथी फ़िल्म है। इससे पहले उनके एन. माही के प्रोडक्शन तले ‘मोर जोड़ीदार’, ‘तीन ठन भोकवा रिटर्नस’ एवं ‘लव दीवाना’ कर चुका हूं। ‘गुईयां’ में लव स्टोरी, ड्रामा, सस्पेंस, एक्शन एवं कॉमेडी सब कुछ है। ‘गुईयां’ में मेरा रोल गांव के दबंग आदमी का है। गांव में होने वाली बहुत सी हिंसात्मक घटनाओं के लिए वह ज़िम्मेदार है। उसने नशे का साम्राज्य खड़ा कर रखा है। गांव के लोगों को वह सूखे व गीले नशे की तरफ धकेल चुका है। गांव के लोग रूद्रा के नाम से भय खाते हैं। रूद्रा हीरोइन (हेमा शुक्ला) को चाहने लगता है।”
यू ट्यूब स्टार अमलेश नागेश ‘गुईयां’ के न सिर्फ़ हीरो बल्कि राइटर भी हैं, उनके साथ कैसा एक्सपीरियेंस रहा, पूछने पर क्रांति कहते हैं- “अमलेश ने बहुत अच्छी फ़िल्म लिखी है। छत्तीसगढ़ी सिनेमा अब तक जो कहानियां सामने आती रही हैं उन सब से अलग हटकर है। जब सब्जेक्ट संस्पेंस या थ्रिलर वाला हो वहां कलम की ताकत ज़्यादा दिखाना पड़ता है। अमलेश इस काम में खरे उतरे हैं। यू ट्यूब पर उनके लाखों फॉलोवर हैं। उनका जितना बड़ा नाम है उतने ही डाउन टू अर्थ हैं। फ़िल्म में उन्हें जो पहनने के लिए कहा जाए पहनते हैं। शूट के दौरान जो खाना दिया जाए खाते हैं। तरह-तरह की फरमाइश करने वाले एक्टर तो वे बिल्कुल नहीं हैं। नितेश कॉमेडियन एवं आर. मास्टर का ज़िक्र विशेष तौर पर करना चाहूंगा, जो कि ‘गुईयां’ का अहम् हिस्सा हैं। यू ट्यूब पर इन दोनों हास्य कलाकारों की कॉमेडी छाई हुई है।”
फ़िल्म के डायरेक्टर मनीष मानिकपुरी के बारे में क्या कहेंगे, इस सवाल पर क्रांति कहते हैं- “मैं उनका मुरीद हूं। उनकी गिनती बड़े डायरेक्टरों में होने लगी है। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर तगड़ा है। लीडरशिप की क्वालिटी है। डीओपी रजत सिंह राजपूत ने पूरी फ़िल्म को बड़ी ही ख़ूबसूरती के साथ कैमरे में क़ैद किया है। पुष्पेंद्र सिंह जी, पूरन किरी जी, संगीता निषाद जी, दिव्या नागदेवे जी जैसे कलाकारों ने फ़िल्म में अपने अभिनय की पूरी ताकत झोंक दी है।”