● राज्य की मजबूत आधारशिला के लिए 10 पिलर होंगे तैयार
● जीएसडीपी पांच साल में बढ़ाकर 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य
● नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व दुर्ग में सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप बनेगा
● 18 लाख प्रधानमंत्री आवास बनेंगे
● किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना
● छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन होगा
● इन्वेस्ट इंडिया की तर्ज पर इन्वेस्ट छत्तीसगढ़
● रायपुर एवं बिलासपुर में स्मार्ट सिटी के लिए 404 करोड़
● 5 शक्ति पीठों के लिए 5 करोड़
●राम लला दर्शन (अयोध्या धाम) के लिए 35 करोड़
मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने डबल इंजन सरकार का हवाला देते हुए सन् 2024-25 का बड़े सपनों वाला बड़ा बजट पेश किया। चौधरी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दस पिलरों (स्तंभ) पर काम करने की जरूरत बताई। अपने बजट भाषण में चौधरी कई बार पिछली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने से नहीं चूके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पिछली सरकार ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का खयाली पुलाव परोसा और नतीजा निकला बोरबो छत्तीसगढ़। हम गढ़बो से पहले करबो पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी लगभग 5 लाख करोड़ है। इसे आने वाले 5 सालों में वर्ष 2028 तक 10 लाख करोड़ करना हमारा मध्यावधि टारगेट होगा। वर्ष 2024-25 के लिए कोई कर प्रस्तावित नहीं है और मौजूदा कर दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है।
वित्त मंत्री चौधरी ने अपने बजट भाषण में कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता.जनार्दन ने कुशासन के खिलाफ मुहर लगाकर हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। ऐतिहासिक जनादेश द्वारा प्रकट किए गए स्नेह और विश्वास के लिए हम छत्तीसगढ़ के 03 करोड़ लोगों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं और छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाने की प्राण प्रतिज्ञा करते हैं। हमारे चारों ओर चुनौतियों का घना अँधेरा है। महिलायें कानून.व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति का शिकार रहीं। युवा मन अविश्वास और आशंकाओं से ग्रसित रहा। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतरा रहा और राजकीय खजाना हमें खाली मिला। पर, हम अंधेरों के बीच उजाले के तलाश की ताकत रखते हैं। चुनौतियों का अंधेरा हमें स्वर्गीय बच्चन जी की इन पंक्तियों का स्मरण कराता है:-
पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है,
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है
चौधरी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि देश के अमृत काल में भारत को दुनिया का सुपर पावर बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किये जा रहे क्रांतिकारी कार्यों को हमारी पीढ़ी देख रही है और उसमें सहभागिता भी निभा रही है। प्रधानमंत्री की अथक ऊर्जा यदि हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है तो सहज.सरल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कुशल नेतृत्व हमारी ताकत। हमने तय किया है कि छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे एक विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा, इसका दृष्टि.पत्र ¼Vision Document½ हम तैयार करेंगे। इस दृष्टि.पत्र का नाम होगा:. “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन।
चौधरी ने कहा कि 1 नवंबर सन् 2000 को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को बनाया था और इसी 01 नवंबर सन् 2024 में हमारे छत्तीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने हेतु “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / @ 2047“ डॉक्यूमेंट, हम राज्य की जनता को समर्पित करेंगे। आज हमारे छत्तीसगढ़ की जी.एस.डी.पी. लगभग 05 लाख करोड़ है। इसे आने वाले 05 सालों मे वर्ष 2028 तक 10 लाख करोड़ करना हमारा मध्यावधि ¼Mid term½ टारगेट होगा। यह मध्यावधि लक्ष्य, देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी जी के महायज्ञ में हमारा योगदान होगा। इस मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के हमारे आधारभूत रणनीतिक स्तंभ ¼Fundamental Strategical Pillars½ होंगें। वो 10 स्तंभ हैं- 1. हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु, 2. तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास, 3. तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना, 4. प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल 5. अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर, 6. सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना 7. बस्तर-सरगुजा की ओर भी देखो, 8. DDP : डिसेंट्रेलाइज्ड डेवलपमेंट पॉकेट्स, 9. छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास, 10. क्रियान्वयन का महत्व
चौधरी ने कहा कि विश्व के महान नेता नेल्सन मंडेला ने कहा था कि “किसी देश को तबाह करने के लिये बम, बारूद और मिसाईल की जरूरत नहीं होती। शिक्षा की गुणवत्ता को खराब कर देना और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार ही किसी देश को बर्बाद करने के लिये पर्याप्त होता है”। पीएससी की प्रतिष्ठापूर्ण परीक्षाओं में युवाओं के साथ अन्याय हुआ, जिसमें हमारी सरकार ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि रायपुर-भिलाई सहित आसपास के क्षेत्रों को स्टेट कैपिटल रीजन SCR के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जायेगी। इस क्षेत्र को विश्वस्तरीय आई.टी. सेक्टर, वेडिंग डेस्टीनेशन, एजुकेशन डेस्टीनेशन एवं हेल्थ डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। नवा रायपुर, अटल नगर में “लाईवलीहुड सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस” एवं दुर्ग जिले में “सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप” स्थापित किया जायेगा। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए इन्यूबेशन सेंटर की स्थापना तथा बी.पी.ओ. एवं के.पी.ओ. को आकर्षित करने के लिए आई.टी. पार्क की स्थापना की जायेगी। नवा रायपुर में आई.टी. आधारित रोजगार सृजन हेतु ‘प्लग एण्ड प्ले’ मॉडल का विकास किया जायेगा, इससे आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के नये अवसर विकसित होंगे।
बजट के मुख्य बिन्दू-
0 रायपुर, नवा रायपुर अटल नगर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा एवं रायगढ़ जैसे प्रमुख नगरों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जायेगी 0 कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, उरला, सिलतरा जैसे क्षेत्रों के अनुरूप औद्योगीकरण की नीति बनायी जायेगी 0 मैदानी कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा 0 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए विशेष फोकस किया जायेगा 0 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण के लिए वर्ष 2024-25 8,369 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 महिलाओं को पोषित, सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महतारी वंदन योजना के तहत प्रति वर्ष 12,000 रुपये सहायता का प्रावधान 0 कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये, इससे 24.72 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा 0 ग्रामीण घरों को नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 तेंदूपत्ता संग्राहकों को गत वर्ष 4000 प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रु प्रति मानक बोरा भुगतान 0 दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को गत वर्ष 7000 प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10,000 रुपये वार्षिक भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 प्रदेशवासियों के लिए श्री रामलला दर्शन के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 युवा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना के क्रियान्वयन का प्रावधान 0 राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के विकास हेतु विस्तृत योजना बनाने का प्रावधान 0 इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ के आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 राज्य के 5 शक्तिपीठों के विकास की विस्तृत योजना बनाने हेतु 5 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 प्रशासनिक कार्यों को मजबूत करने और सभी स्तरों पर पारदर्शिता लाने के लिए सभी प्रशासनिक विभागों के लिए राज्य मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक उन्नत डिजिटल तकनीकों और आईटी इनेबल्ड सेवाओं (आईटीईएस) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 266 करोड़ रुपये का प्रावधान 0 भारत नेट परियोजना के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान, 0 पीएम वाणी प्रोजेक्ट के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान,0 एकीकृत ई-प्रोक्योरमेंट परियोजना के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान, 0 अटल डैशबोर्ड के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान, 0 जीएसटी विभाग द्वारा बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का विकास , स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग द्वारा एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर , आबकारी विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर, खनन विभाग द्वारा खनिज ऑनलाइन 2.0 , जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य जल सूचना केंद्र , वित्त विभाग द्वारा आईएफएमआईएस 2.0 का विकास 0 विश्व स्तरीय आईटी क्षेत्र, विवाह, शिक्षा और स्वास्थ्य डेस्टीनेशन के लिए रायपुर-भिलाई क्षेत्र के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का विकास 0 नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना 0 भिलाई में उद्यमिता केंद्र की स्थापना 0 राज्य में स्टार्ट अप संस्कृति और अन्य आईटी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप इन्क्यूबेशन सेंटर और आईटी पार्क बनाया जाएगा 0 नवा रायपुर में आईटी उद्योग के विकास और आईटी रोजगार सृजन के लिए ” प्लग एंड प्ले मॉडल ” 0 रायपुर, नवा रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, अंबिकापुर , जगदलपुर , कोरबा और रायगढ़ आदि शहरों को ” ग्रोथ इंजन ” के रूप में विकसित करने पर ध्यान देंगे 0 कोरबा , जांजगीर , रायगढ़ , उरला , सिलतरा आदि जैसे समृद्ध उद्योग क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए उद्योग नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा
प्रमुख योजनाएँ
0 छोटे और मध्यम किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने एवं आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ का प्रावधान, 0 प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 8,369 करोड़ का प्रावधान, 0 जल जीवन मिशन के लिए 4,500 करोड़ का प्रावधान, 0 हायर सेकेंडरी स्कूल के विकास और रखरखाव के लिए 3,952 करोड़ का प्रावधान, 0 5 एचपी कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान, 0 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने महतारी वंदन योजना के लिए 3000 करोड़ का प्रावधान, 0 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 841 करोड़ का प्रावधान, 0 अमृत मिशन योजना के लिए 700 करोड़ का प्रावधान, 0 केन्द्रीय प्रायोजित योजना “प्रधानमंत्री जनमन योजना ” में राज्यांश के रूप में 300 करोड़ का प्रावधान, 0 श्री राम लला दर्शन ( अयोध्या धाम) के लिए 35 करोड़ का प्रावधान, 0 भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू की जाएगी, 0 छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआईटी) और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(CIMS) क्रमशः प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और संभाग में स्थापित किए जाएंगे 0 रायपुर-भिलाई के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) विकसित किया जाएगा 0 छत्तीसगढ़ सेंटर आफ स्मार्ट गवर्नेंस का गठन होगा, 0 छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन होगा 0 बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में इको-पर्यटन और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विकसित किए जाएंगे 0 नए उद्योगों को नीति में शामिल करने के लिए नई उद्योग नीति तैयार की जाएगी 0 ई-वाहनों को प्रोत्साहन , कुसुम योजना को अपनाने आदि के अलावा कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए जलवायु कार्य योजना तैयार की जाएगी 0 राज्य की खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा
राजकोषीय स्थिति
सरकार द्वारा राजस्व संग्रहण के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग तथा प्रशासन को सरल एवं पारदर्शी बनाने के उपाय किये जा रहे हैं। इससे बिना कोई नया कर अधिरोपित किये राज्य के स्वयं के राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार 41 हजार 695 करोड़़ था जो विगत 05 वर्षों के दौरान बढ़कर 91 हजार 520 करोड़ हो गया। इस प्रकार राज्य निर्माण के पश्चात् 18 वर्षों में लिए गए ऋण से भी अधिक का ऋण पिछली सरकार द्वारा केवल 05 वर्ष के दौरान ले लिया गया। जनवरी 2024 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 18 प्रतिशत है। वर्ष 2024.25 में राज्य का सकल वित्तीय घाटा 19 हजार 696 करोड़ अनुमानित है। जिसमें केन्द्र से पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता ऋण 03 हजार 400 करोड़ शामिल है। भारत सरकार के निर्देश अनुसार यह राज्य के वित्तीय घाटे का भाग नहीं है। अतः इसे कम करने पर राज्य का शुद्ध वित्तीय घाटा 16 हजार 292 करोड़ होगा, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.90 प्रतिशत है। इस प्रकार एफ.आर.बी.एम. एक्ट में निर्धारित 03 प्रतिशत की सीमा में है। राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 01 लाख 25 हजार 900 करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 01 लाख 24 हजार 840 करोड़ अनुमानित है। अतः वर्ष 2024.25 में कुल 01 हजार 60 करोड़ का राजस्व आधिक्य (Revenue Surplus) अनुमानित है।