रायपुर। छत्तीसगढ़ के लेखक शिव ग्वालानी का कश्मीर में सम्मान हुआ। ग्वालानी जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला से मिले। अब्दुल्ला ने ग्वालानी को बधाई देते हुये कहा कि कश्मीरियत, कश्मीरी दोस्ती, कश्मीरी मेहमान नवाजी के बारे में अपनी किताब में जो लिखे हैं उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
कश्मीर के डल झील के किनारे होटल ग्रांड ममता में सिंधी समाज के चकरभाटा बिलासपुर के लाल सांई साहेब पूरे देश के लगभग 150 लोगों के सिंधी समाज के जत्थे के साथ कश्मीर भ्रमण पर आये हुये थे। वहां लाल सांई ने एक जलसे के दौरान लेखक शिव ग्वालानी और उनकी पत्नी पूर्व पार्षद श्रीमती कविता ग्वालानी का पखर डाल कर सम्मान किया और कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए धर्मों से उपर उठकर मुहब्बत, ईंसानियत, मानवता के लिए काम करने की आवश्यकता है। इसे लेखक बखूबी कर रहे हैं। जलसे को संबोधित करते हुये शिव ग्वालानी ने चालीस साल पुराने संस्मरण सुनाते हुये कहा कि कश्मीर में कश्मीरी मुहब्बत आज भी वैसी ही है। पर्यटकों को आम कश्मीरी आज भी बहुत प्यार और स्नेह दे रहे हैं। लेखक ने लाल सांई को साधूवाद देते हुये कहा कि धार्मिक वातावरण से उपर आकर वे हिंदू मुस्लिम एकता की अलख जगा रहे हैं , इसके लिए समूचा देश उनका आभारी रहेगा।
इस अवसर पर रायपुर, बिलासपुर के अनेक मुखी, सामाजिक कार्यकर्ता और सिंधी समाज के और मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित थे।
ग्वालानी ने बताया कि वे चालीस साल पहले बने अपने मित्र शफीक खान की खोज खबर लेने कश्मीर गये थे।