मिसाल न्यूज़
रायपुर। पड़ोसी राज्यों की तरफ से अवैध रूप से छत्तीसगढ़ में धान का परिवहन होने का मामला आज विधानसभा में उठा।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत का सवाल लगा था कि दिसंबर 2023 तथा जनवरी 2024 में धान के अवैध भंडारण तथा परिवहन के कितने प्रकरण सामने आए? अन्य राज्यों का धान छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से आने को रोकने के लिए क्या-क्या विशेष उपाय किए गए हैं? खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की तरफ से जवाब आया कि दिसंबर 2023 तथा जनवरी 2024 में धान के अवैध भंडारण तथा परिवहन के 817 प्रकरण सामने आए। अवैध धान की मात्रा 37717.1 क्विंटल है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में अन्य राज्यों का धान छत्तीसगढ़ में आने को रोकने हेतु सीमावर्ती जिलों के जिला प्रशासन व्दारा 220 चेक पोस्ट बनाए गए हैं। जिला स्तर पर अवैध धान के परिवहन एवं भंडारण की निगरानी हेतु खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, राजस्व विभाग एवं कृषि उपज मंडी के अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल कर विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
डॉ. चरणदास महंत की गैर मौजूदगी में उनकी तरफ से कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने सवाल किया कि चेक पोस्ट में जांच में क्या पाया गया और दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? दयालदास बघेल ने कहा कि जांच में 564 मामले लंबित हैं। धान जप्ती के सबसे ज़्यादा मामले मुंगेली जिले में रहे। दोषी लोगों के खिलाफ मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई हो रही है। लखेश्वर बघेल ने कहा कि हमारे बस्तर के कुछ सीमावर्ती गांव ओड़िशा एवं आंध्रप्रदेश से लगे हुए हैं। वहां चेक पोस्ट गंभीरता से कार्य नहीं कर रहे। भविष्य में क्या कदम उठाएंगे? कांग्रेस विधायक श्रीमती चातुरी नंद ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र की सीमा ओड़िशा से लगी हुई है। जब सरकार ने जांच टीम बना रखी है तो ओड़िशा की तरफ से अवैध रूप से धान कैसे आ रहा है? दयालदास बघेल ने कहा कि अवैध धानों की जप्ती हुई। हमने पंजीकृत किसानों का ही धान खरीदा है।